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समसमायिक

सनातन में नारी प्रधानता: आध्यात्मिकता से भौतिक संसार तक

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता”, अर्थात जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का वास होता है। यह मनुस्मृति का वह शाश्वत सत्य है जो भारतीय संस्कृति में…

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तकनीकी

हिन्दी कविता, छंद, ग़ज़ल

समसमायिक कविता: मुखौटा

उनके चेहरे पर
महीन मुख श्रृंगारक लेप सा,
भावों और विचार का
है अदृश्‍य मुखौटा

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हिन्दी कहानी

कहानी – बेटा तू अनाथ नहीं है रे-डॉ.अशोक आकाश

शारदा मेम सेवाभावी,मृदुभाषी, मिलनसार और दयालू महिला थी। रोज सुबह से शाम तक उनकी दिनचर्या व्यवस्थित रहती। कॉलोनी के लोगों में उनके प्रति सम्मान भाव था । दुनिया में ऐसे…

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कहानी: मृत्यु की प्रतिक्षा सूची

कहानी: मृत्यु की प्रतिक्षा सूची -रमेश चौहान छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर का मेकाहारा हॉस्पिटल निर्धन और मध्यम वर्गीय  परिवार के लिए जीवन रेखा है । यहां समूचे छत्तीसगढ़ के अतरिक्त…

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हिन्दी साहित्यिक आलेख

भूखे भजन न होय गोपाला: एक लघु व्यंग्य आलेख-प्रोफेसर अर्जुन दूबे

पहले भोजन का प्रबंध करो, तब ईश्वर की बात करो। You can’t talk of God to a hungry man, give him food first. चाहे पश्चिम जगत की सोच हो अथवा…

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छत्तीसगढ़ी कविता, छंद, ग़ज़ल

छत्‍तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-7.नारदजी द्वारा व्यास के असंतोष मिटाना अउ श्रीमद्भागवत पुराण के रचना

‘छत्‍तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्‍य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के छत्‍तीसगढ़ी…

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छत्‍तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा

‘छत्‍तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्‍य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के छत्‍तीसगढ़ी…

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छत्तीसगढ़ी कहानी

कहानी : रिश्तेदारी-धर्मेन्द्र निर्मल

‘पंखा तको अबड़ दिन होगे, पोंछावत नइहे।’ सोनिया चाऊँरधोवा गंजी म नल ले पानी झोंकत कहिस। सुनिस धुन नहीं ते योगेश अपन सुर म गाड़ी धोते रिहिस। ‘डेना मन म…

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छत्तीसगढ़ी साहित्यिक आलेख

अड़बड़ सुरता आही मुकुंद कौशल …

अडबड सुरता आही मुकुंद कौशल

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छत्तीसगढ़ के लोक जीवन म कबीर

छत्तीसगढ़िया मनखे के नस नस म कबीर समाय हवय कइहँव त ये बात अतिशंयोक्ति नइ होही। जिहाँ छत्तीसगढ़ मा कबीरपंथ के लाखों अनुयायी हो उँहा कबीर के लोकप्रियता के अंदाजा आप अइसने लगा सकथव। कबीर के दोहा, साखी, सबद रमैनी, निर्गुण भजन, उलटबासी छत्तीसगढ़ म सैकड़ों बछर ले अनवरत प्रवाहित हे।

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