धर्मेन्द्र निर्मल के :
होली गीत
होली गीत
होली गीत-
1.रंग मया के भर पिचकारी
टेर - रंग मया के भर पिचकारी, नजर ले गोरी मार। अइसे रंगिहौं तन मन ल तोर, धोवत जाबे थक हार।। तोर बिना मैं हौं आधा राधा सुन ये पुकारत हे मुरली के धुन। तोर बिना मैं हौं आधा कान्हा सुन, तोर मया म मैं नाचव बिधुन।। का रंग मैं तोला गुलाल के लगाहूँ झन छूटय जिनगी भर अइसे रंगाहूँ। छूट जाही एक दिन सँवरिया सब रंग हँ कर वादा जिनगी भर झन छूटय संग हँ।। लाने हौं तोर बर मया रंग चुन। ये पुकारत हे मुरली............. जतके छोड़ाबे रंग ओतके गढ़ाथे, नइ कसकै मसले म अउ मजा आथे। सात जनम का हर जनम संग देहूँ, पाँव के धूर्रा ले तन मन रंग लेहूँ। श्याम रंग के लागे हे लगन।। ये पुकारत हे मुरली............. दुनियाँ म होथे भले अलग अलग कई रंग सतरंगी मया रंगीला के एक रंग। तोर मोर नाम रहिही दुनियाँ म अमर किसन के आगू लिखाही राधा नाम हर।। जिनगी किसन के बिन राधा सुन्न।। ये पुकारत हे मुरली.............
2.हँस के गोरी फँसगे रे-
टेर - फागुन रंग रंगे अमराई, महुआ महक जगाए। लाल गाल के गोरी जब तोर, लाल चुनर लहराए।। बिन चीन्हे जाने मुस्काए गजब बबा सहीं कहिस हे। हँस के गोरी फँसगे रे बबा सहीं कहिस हे।। तोर सुघराई ल बूझे बूझक्कड़ तोरेच दीवाना हे दाउ अउ फक्कड़। गाल के लाली देख परसा हँ फूलगे मन हो मतौना तोर बाली म झूलगे।। बूड़े चाषनी म चमचम कस बाली, तोर मया के कहानी, अगम जानी आनी बानी- मया बरसगे।। हँस के गोरी फँसगे रे ...... डोलै पुरवाई जब रेंगे मचल के, फूूल झरे हाँसी म दुनियाँ महक गे।। बिंदिया तोर सिंदूरी साँझ सँवारे। होवय बिहिनिया जब आँखी उघारे।। करिया जुलुफ घटा जस सावन नैना मनभावन, न माने मन मनमोहना - आखिर फँस गे।। हँस के गोरी फँसगे रे कान खोल सुन मोर बात ल धर ले। निकले कर झन तैंह बन ठनके घर ले।। कोनो बेलबेलहा के पर जाही नजर, करही छेड़खानी ते हो जाही जँउहर।। तोर खातिर भले मैं बदनाम, हो जौं सरेआम, हे ऐलान खुलेआम - गदर मच गे।। हँस के गोरी फँसगे रे
3.जहुँरिया मजा ले ले मया प्यार के –
टेर - अबीर गुलाल म रंग ले तन मन, झूमके गा मतवार। हाँसी ठिठोली के रास रचा ले, जी झन मन ल मार।। जिनगी के, जिनगी के, जिनगी के हे दिन चार जहुँरिया मजा ले ले मया प्यार के ।। थम जाही कब साँस आवत जावत, नइ पाबे गम रही जाबे चुचुवावत। छूट जाही धन दौलत महल अटारी, काकर बल म तैं हस अँटियावत।। सुन्ना पर जाही तोर घर दुवार, चार दिन के मेला हे संसार, हर दिन ल बना ले इतवार तैं।। जहुँरिया मजा ले ले .... मनखे अस मनखे संग हाँस के बोल ले, जिनगी ल मया के मस्ती म घोर ले।। इहेंच सरग सुख हे मौज मना ले, मन ल अपन श्याम रंग म बोर ले।। झूम के गा नाच ले इतरा ले, इंहे बृन्दाबन हे रास रचा ले, तँही नाव खेवैया पतवार तैं।। जहुँरिया मजा ले ले..... दया मया ल तैं धरे रहिबे, हमर से ले ले अउ अपन ल दे दे। का करबे मन के मन म रखके, दिल के हर बात ल खोल के कहिदे।। मने मन म चूरत रहि जाबे, अपने अपन घूरत रहि जाबे, रंग ले रंग म रंग मिंझार।। जहुँरिया मजा ले ले.....
4.बिना रंगे नइ छोड़वं-
टेर - चटकत मटकत भटकत गोरी, पटकत पाँव पइरी झनकत हे। पीके नैन कजरारे के भंग मतवारे, मन मतंग हे रंग खटकत हे।। हावय परन परान भले जावय गोरी बिना रंगे नइ छोड़वं। कहूँ जाबे मोहि ल पाबे गोरी तोर संग नइ छोड़वं।। भले छिड़ जावय जंग, हो जावय हुड़दंग, बिना रंगे नइ छोड़वं।। कतेक बखानौ तोर रूप के कमाल ल, मस्ती म झूम चूमै बाल लाल गाल ल।। देख तोला देखइया देखते रहि जाय, मुँह फारे बोकबाय मति छरियाय, होगे हाववं महूँ तोर दीवाना।। बिना रंगे..... कान के तोर झूमका हँ झूल के झूलावथे, रूप के सुघराई हँ मन ल डोलावथे। माथ के बिंदिया चमक बिजली गिराथे, गजरा ले गाँव गली खोर महमहाथे।। रूप के रानी तैं तोरे हे राज।। बिना रंगे..... जउन रंग भावै तोला तउन रंग लगाहूँ, किरिया हे जिनगी भर संग निभाहूँ। आँखी कस पुतरी मैं तोला सजाके, हिरदय के भीतरी म रखिहौं बसाके, नइ तो टोरवं मैं अपन बचन।। बिना रंगे....
5.आई लव यू मोहनी, आई लव यू
टेर - छूटय नहीं छोड़ाए कतको, मया पिरीत के रंग। हार के घलो जीत जाथे मन, जिनगी के सब जंग।। आई लव यू मोहनी, आई लव यू तोर गोरी सुरतिया के होगेंव दीवाना आई लव यू। तोर मोहनी मुरतिया के होगेंव दीवाना आई लव यू। संगमरमर कस तोर मुखड़ा, लागथे जइसे चाँद के टुकड़ा। रूप हँ बाग सहीं मनभावन, गजब निर्मल अब्बड़ पावन।। जइसे चमन ले, निखरे बदन ले, समाँ म बिखेरे तोर खूशबू।। मोहनी आई लव यू... अइसे न छेड़ मोला मनमोहना, मीठ मया बोली के दे झन मतौना। आज तो मोर मन गजब मतंग हे, चारों मुड़ा रंग भंग अउ चंग हे।। मया पिरीत के, हार जीत के , खेल होवत हे अब शुरू।। मोहनी आई लव यू... तैं हस करिया मैं हाववं गोरी, मया के मरम तैं नइ समझे भोली। करिया गोरिया म मिलन कइसन, नइ पतियावस देख ले दरपन।। राधेश्याम के, अमर नाम के, राधा, श्याम के नयन पुतरी।। मोहनी आई लव यू...
-धर्मेन्द्र निर्मल – 9406096346