विश्व महिला दिवस पर विशेष आलेख- ‘सतत सफलता की स्वर्णिम मंजिल की ओर अग्रसर’
विश्व महिला दिवस

वर्तमान परिदृश्य में महिलाएं जीवन के सारे आयाम छू रही हैं | पुरुषों से किसी भी हालत में नारी आज कम नहीं है, शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार खेलकूद विज्ञान कृषि व्यापार उद्योग ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलायें सफलतापूर्वक कदम नहीं रखी हैं | नारियॉ सभी क्षेत्र में सफलता के स्वर्णिम आयाम छू रही है, विश्व महिला दिवस के इस पावन पर्व में नारियों की गौरवशाली इतिहास दोहराया जा रहा है |
अखिल विश्व में महिलाओं में अपने स्वर्णिम सफलता के सारे कीर्तिमान स्थापित किए हैं | आज का समय आधुनिक संसाधनों का समय है | जब स्त्री पुरुष में समानता के अधिकार के बात होती है तब जितना जागरूक पुरुष है उतनी ही जागरूक महिलाएं भी है | इसी जागरूकता के परिणाम स्वरूप महिलाओं को एक स्वर्णिम अवसर मिला है, जिसका वह जितना लाभ ले सके उतना अच्छा है | महिलाएं एक तरफ जहां खेतों में मजदूरी भी करती है तो दूसरी तरफ बड़े-बड़े आधुनिक संसाधनों से भी लैस हैं |
एक तरफ कृषि कर्म में सहयोगी है तो दूसरी तरफ युद्ध के मैदान में भी उनकी बड़ी भूमिका है | जिंदगी के सभी आयामों को सफलता के साथ संपादित करती हुई महिलाएं अब आधुनिकता की सारी चरम सीमाओं को लांघ रही हैं | जितनी भी संसाधन आज विज्ञान मुहैया कराया है, सरकार ने मुहैया कराया है, उन सारे संसाधनों पर महिलाएं सफलतापूर्वक काबिज होने का प्रयास कर रही है |
स्वास्थ्य की चिंता अब महिलाओं को इतनी ज्यादा नहीं करनी पड़ती जितना आज से 20 वर्ष पूर्व किया जाता था | रूढ़िवादी विचारों से उठकर समाज महिलाओं को आगे लाने का पक्षधर है | अब कहीं भी महिलाओं को पुरुष से कम नहीं आंका जाता | जितनी जागरूकता अपने अधिकार के प्रति पुरुष रखता है उससे कम महिलाएं नहीं है | वह भी अपने अधिकार के प्रति जागरूक हैं, सतत जागरूक हैं |
घर के सफलतापूर्वक संचालन के साथ शासन की बागडोर भी महिलाएं संभाल रही है | एक तरफ वह घर गृहस्थी का कार्य भी करती हैं तो दूसरी तरफ पंचायत से लेकर केंद्रीय सरकार तक में महिलाएं सक्रियता के साथ शासन की बागडोर अपने हाथों में ली हुई है | आज महिलाएं विधायक से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर महिलाओं ने अपनी सामर्थ्य शक्ति से निभाया है | इस कड़ी में मैं हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी का नाम लेना चाहूंगा जो हमारे देश के प्रथम लौह महिला रही है जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर देश को सफलतापूर्वक विकास के शिखर की ओर अग्रसर करने में प्रयास किया |
देश की स्वतंत्रता के जन आंदोलन में एक समय महिलाएं कुछ पीछे रहा करते थी | भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जागरूकता एवं शिक्षा के अभाव केन्द्र बावजूद लोगों में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आने में बहुत समय लगा |
आज महिलाएं तो जागरूक हैं ही पुरुष भी उतने ही जागरूक हैं और चाहते भी हैं कि महिलाओं को उनका हक मिले | आज महिलाएं अपने कार्य क्षेत्र में स्वतंत्र हैं अपने धर्म क्षेत्र में स्वतंत्र हैं अपने सारे कार्य को निर्भीकता पूर्वक कर रही हैं |
विश्व स्तर में महिलाओं को कई अधिकार मिले शासन ने प्रशासन ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए बड़ा कार्य किया है तो ऐसे परिदृश्य में विश्व स्तर में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और जागरुक हों |
सतत सफलता की स्वर्णिम मंजिल की ओर अग्रसर हो | भविष्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार एवं स्वयंसेवी संगठन का कार्य और विस्तृत होगा निश्चित है | विश्व महिला दिवस पर मैं समस्त नारी शक्ति को नमन करता हूं |
-डॉ. अशोक आकाश कोहंगाटोला तह जिला बालोद छ. ग. 9755889199
जय हो
चौहान जी
🙏🙏🙏