अनुवाद: बादल सा मैं उड़ा गगन में-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

बादल सा मैं उड़ा गगन में

(WILLIAM WORDSWORTH की अंग्रेजी कविता I Wandered Lonely as a Cloud का हिंदी भावानुवाद)

-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

अनुवाद: बादल सा मैं उड़ा गगन में-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
अनुवाद: बादल सा मैं उड़ा गगन में-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

बादल सा मैं उड़ा गगन में

बादल सा मैं उड़ा गगन में
नीचे कितनी हरियाली थी
बादल जो तैरा करता है
नीचे घाटी और पहाड़ी
और वहां पर पुष्प डैफोडिल
झील किनारे , तरु के नीचे
नृत्य कर रहे भर कर खुशियां
मलयज की भर पूरी मस्ती

सुरसरिता में ज्यों तारों की
दूधिया पथ पर दमक निरंतर
खाड़ी के तट पर कुछ वैसे
एक असीमित पंक्ति बिछी थी
उर्जित खुशियां लिए झूमते।
मेरी दृष्टि ले समेट
एक नज़र में दस हज़ार।

लहरें नृत्य मग्न थी तत्पर
लेकिन इनकी चमक अग्रतर
ऐसा सुन्दर संग प्राप्त कर
कवि क्यों रहता हर्ष छुपाकर।
मैंने विह्वल होकर देखा
यह दृश्य निधि बन जो सम्मुख था।

अक्सर जब अपनी शय्या पर
खाली सा या भाव क्षीण , मैं होता हूँ ,
ये मन की आँखों में सजकर
एकांत हर्ष लेकर आते हैं
और जानते हो क्या होता ?
उर मेरा आनंदित होकर
नृत्य डैफोडिल संग करता है। 1
उधर वो पर्दा हटे बहने लगेगी खुद हवा
हर तरफ जाने न कैसे बंधनों की होड़ है।
अभी कल भी उठी बदली बिना बरसे टल गयीं ,
क्या खबर है आज भी फिर हवायें कैद हों।
चंद लोगों के इशारों पे बना मज़मून सब
और वो कहते हैं क्या , वो बोझ ढोते चूर हैं।

अनुवदक- प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

अनुवादक का अन्‍य अनुवाद- Hindi translation of the poems of Azam Obidov-Translator Professor Ravindra Pratap Singh


(प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। वे अंग्रेजी और हिंदी लेखन में समान रूप से सक्रिय हैं । फ़्ली मार्किट एंड अदर प्लेज़ (2014), इकोलॉग(2014) , व्हेन ब्रांचो फ्लाईज़ (2014), शेक्सपियर की सात रातें(2015) , अंतर्द्वंद (2016), चौदह फरवरी(2019) , चैन कहाँ अब नैन हमारे (2018)उनके प्रसिद्ध नाटक हैं । बंजारन द म्यूज(2008) , क्लाउड मून एंड अ लिटल गर्ल (2017) ,पथिक और प्रवाह(2016) , नीली आँखों वाली लड़की (2017), एडवेंचर्स ऑफ़ फनी एंड बना (2018),द वर्ल्ड ऑव मावी(2020), टू वायलेट फ्लावर्स(2020) उनके काव्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने विभिन्न मीडिया माध्यमों के लिये सैकड़ों नाटक , कवितायेँ , समीक्षा एवं लेख लिखे हैं। लगभग दो दर्जन संकलनों में भी उनकी कवितायेँ प्रकाशित हुयी हैं। उनके लेखन एवं शिक्षण हेतु उन्हें स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट , शिक्षक श्री सम्मान ,मोहन राकेश पुरस्कार, भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार एस एम सिन्हा स्मृति अवार्ड जैसे सोलह पुरस्कार प्राप्त हैं ।)

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