बाल साहित्य-नाटक:
खेसर पिल्लू
-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

पात्र
खेसर पिल्लू : हरी और पीली धारिओं वाला एक सुन्दर सांप। स्वप्न वन का नवनिर्वाचित राजा
कदम: खेसर पिल्लू का मंत्री , कौआ
बेसर पिल्लू : खेसर पिल्लू का सेनापति
गाटा पिल्लू : खेसर पिल्लू प्रशासन में अधिकरी
लोमड़ जान: एक नागरिक , गायक लोमड़ी
भालू बुधियाल : वरिष्ठ नागरिक , पूर्व मंत्री
कर्मचारी अधिकारी सांप
उद्घोषक
उद्घोषक: इस स्वप्न वन के सभी सम्मानित नागरिकों को मेरा नमस्कार। आज हमारे लिए बहुत ही शुभ दिन है। अभी हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में हमारी जीव जंतु जनता ने श्रीमान खेसर पिल्लू को बहुमत से यहाँ का शासक बनाया है।
जीव जंतुओं के सामूहिक स्वर : खेसर पिल्लू यशश्वी हों ! खेसर पिल्लू जिंदाबाद ! खेसर पिल्लू और हमारे स्वप्न वन की जय !
उद्घोषक : आओ हम लोग इस क्षण को यादगार बनाने के लिए अपना पारम्परिक स्वागत गीत गायें। हमारे स्वप्न वन के सभी लोग , जो जहाँ पर है हैं और जिस माध्यम से हमसे जुड़े है, अपने अपने स्थान से यह गीत गायेंगे । दोस्तों यह गीत हमारी सामूहिक शक्ति का प्रतीक है।
समवेत स्वर में गीत :
आज बहुत शुभ दिन हम सबका
इस जंगल के हर एक कण का
पत्ते पत्ते झूम रहे हैं
हरियाली खुद गीत लिख रही
मधुर मधुर संगीत बजाती
हवा गा रही , गगन गा रहा।
आज बहुत शुभ दिन हम सबका ,
आज हमारे बीच हमारे
खेसर पिल्लू राजा बनकर
स्वयं पधारे , आज पधारे !
रहे यशश्वी देश हमारा
रहे यशश्वी क्षेत्र हमारा
शौर्य पराक्रम की हुंकार हर तरफ
जन कल्याण भाव हर तरफ ,
यश फैले हर तरफ हमारा
स्वप्न क्षेत्र यह वन है प्यारा
है सब खुश हैं , धरती खुश है
खेसर पिल्लू राजा बनकर
स्वयं पधारे , आज पधारे !
खेसर पिल्लू : मेरे प्यारे स्वप्न वन वासियों , दोस्तों , आप सभी को नमस्कार ! मई आप के लिए कोई नया नहीं हूँ। आप के बीच पैदा हुआ , पला बढ़ा , और आज आपके द्वारा चुना गया इस स्वप्न वन का राजा बना हूँ। दोस्तों आप सभी लोगों का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद। आपने सर्वसम्मति से हमें अपना राजा चुना। आप मेरी आदतों से भली भांति परिचित हैं , आप पहले भी हमारे साथ काम करते ही आये हैं। राजा क्या , बस किसी टीम का मुखिया है , और क्या !
भालू बुधियाल : जय हो ! जय हो ! सब कुछ जानते हैं , सब कुछ जानते हैं , बेटा, अब राजा खेसर पिल्लू !
जल थल और नभ में आप आ -जा सकते हैं , आपने हमारे लोगों का कल्याण किया है। आपने और आपकी टीम बेसर पिल्लू , गाटा पिल्लू , माना पिल्लू आदि ने।।।।
उद्घोषक : पूर्व मंत्री भालू बुधियाल आपका कथन श्रेष्ठ है। आपकी भावनाओं का सभी लोग सामान करते हैं। आप हमारे श्रेष्ठ सलाहकार हैं।।। अभी राजा खेसर पिल्लू कुछ कहेंगें।
खेसर पिल्लू : (मुस्कराते हुये ) धन्यवाद भालू बुधियाल जी ! दोस्तों आप सभी जानते हैं , हमारा मूल कार्य अभी तो भय मुक्त और प्रदूषण मुक्त जंगल का है। हमारे यहाँ खाने पीने की तो कोई कमी है ही नहीं। हमने कुछ नियम बनाये हैं । जब राजा नहीं भी था , तब भी आप लोगों के साथ चर्चा करता आया हूँ । आप सभी जानते हैं। नियम जारी रहेंगे , चलते रहेंगे , निरंतर।
जीव जंतु जनता का सामूहिक स्वर : महोदय , एक बार फिर से बता दें ! फिर से बताएं श्रीमान , फिर से श्रीमान !
खेसरपिल्लू : ठीक है , बताता हूँ :
जंगल मेरा , जंगल उनका , जंगल सबका
हवा और पानी भी यूँ ही
भय को चलो निकालो बाहर
यह कल्याण क्षेत्र घोषित है
न कोई बीमार यहाँ हो
न कोई दुर्बल हो
तुम उनके , हम इनके बन आपस में सहयोग करें
हम एक दूसरे के सम्बल हों।
यहीं हैं हमारे नियम !
लोमड़ जान : समझ में आ गया श्रीमान ! अगर आप की आज्ञा हो तो मैं इन्हे अपने गिटार पर गगा कर सुनाऊँ।
खेसर पिल्लू : क्यों नहीं मेरे दोस्त !
(लोमड़ जान और उसकी टीम इन नियमों को गीत के रूप में गिटार पर सुनाती है )
खेसर पिल्लू : बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर ! हम शीघ्र ही आपकी प्रतिभा का पुरस्कार देंगे !
लोमड़ जान: धन्यवाद महाराज !
मंत्री कदम : कांव कांव कांव ! धन्यवाद महाराज , और धन्यववाद नागरिकों !
महाराज ने अपनी नीतियां बता दीं हैं , अब हम सभी लोग इनको स्थापित करने का कार्य करेंगे !
गाटापिल्लू :
हम सभी लोग मिलकर देखो ,
अब हरियाली की बात करेंगे।
कहीं अगर है इसको खतरा ,
मिलकर दूर करेंगे।
दूर करेंगे साड़ी बाधा,
जंगल हरा भरा कर देंगे ,
जंगल हरा भरा कर देंगे।
जीव जंतु जनता का सामूहिक स्वर : अवश्य ! अवश्य ! अवश्य !
बेसर पिल्लू :
नहीं चहिये हमें शत्रुता
हम सबके साथ जुड़ेंगे
मानव हों , या कोई भी हो
सभी जीव हैं मित्र हमारे
सबके साथ जुड़ेंगे
सबके साथ जुड़ेंगे !
जीव जंतु जनता का सामूहिक स्वर : अवश्य ! अवश्य ! अवश्य !
एक बनायें सुखद सवेरा ,
रोज़ सुबह कुछ नया करें।
जंगल हरा – भरा कर अपना ,
सारे जग को हरा करें।
देखो बन जायेगी लतिका
कुछ हम कर दें ,
कुछ तुम कर दो ,
एक चले , फिर मिले दूसरा
यूँ ही क्रम कुछ बढ़ता जाये!
बने कारवां,
मिलें दोस्त सब ,
जंगल हरा भरा हो जाये
जीवन में खुशहाली आये
जीवन में खुशहाली आये !
-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
(प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। वे अंग्रेजी और हिंदी लेखन में समान रूप से सक्रिय हैं । फ़्ली मार्किट एंड अदर प्लेज़ (2014), इकोलॉग(2014) , व्हेन ब्रांचो फ्लाईज़ (2014), शेक्सपियर की सात रातें(2015) , अंतर्द्वंद (2016), चौदह फरवरी(2019) , चैन कहाँ अब नैन हमारे (2018)उनके प्रसिद्ध नाटक हंी , बंजारन द म्यूज(2008) , क्लाउड मून एंड अ लिटल गर्ल (2017) ,पथिक और प्रवाह(2016) , नीली आँखों वाली लड़की (2017), एडवेंचर्स ऑफ़ फनी एंड बना (2018),द वर्ल्ड ऑव मावी(2020), टू वायलेट फ्लावर्स(2020) उनके काव्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके लेखन एवं शिक्षण हेतु उन्हें स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट , शिक्षक श्री सम्मान ,मोहन राकेश पुरस्कार, भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार एस एम सिन्हा स्मृति अवार्ड जैसे सोलह पुरस्कार प्राप्त हैं । )