भारत माता की आरती-
मातरम मातरम मातरम मातरम
-रमेश चौहान
स्वर- ला ल ला, ला ल ला, ला ल ला, ला ल ला
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
हिन्द जैसी धरा और जग में कहां
विश्व कल्याण की कामना हो जहां
ज्ञान की यह धरा मेटती घोर तम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
श्याम की बांसुरी कर्म का नाद है
आचरण राम का नित्य संवाद है
हिन्द है वह धरा है जहां यह मरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
जय जयतु भारती जय जयतु भारती
कर जोर कर नित्य ही हम करे आरती
मातु ये है हमारी व संतान हम
मातरम मातरम मातरम मातरम
स्वर्ग से है बड़ी यह धरा मंगलम
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
मातरम मातरम मातरम मातरम
-रमेश चौहान
वन्दे मातरम जय हिंद
वन्दे मातरम