मैनखे अपन उमर के अलग- अलग पड़ाव में उतार-चढ़ाव भरे जिनगी जीथे। सुख-दुख, दिन-रात, बारिश, जाड़,…
Category: छत्तीसगढ़ी कहानी
छत्तीसगढ़ी कहानी: मोर गाँव के माटी चंदन – डॉ.अशोक आकाश
ओकर सरी फैसला पथरा के लकीर होथे में जानथों, जेला कहिथे तेकर ले माशा भर टस…
छत्तीसगढ़ी लोककथा: लीलागर -अंजली शर्मा
"एक झन निःसंतान दंपति रहंय। गाँव के मुखिया रहे, अन्न-धन, जमीन-जायदाद के कछु कमी नइ रहे।…
कहानी ‘पूस के रात’ के छत्तीसगढ़ी अनुवाद
मुंशी प्रेमचंद का सुप्रसिद्ध कहानी 'पूस की रात' का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद 'पूस के रात' कन्हैया…
छत्तीसगढ़ी कहानी: घरघुंदिया-डां. तेजराम दिल्लीवार
एक दिन, एक झिन सियनहा ह कोन जनी काखर खोज म जंगल डाहर जावत रथे ।…
छत्तीसगढ़ी कहानी: धुँधरा- चन्द्रहास साहू
एक लोटा पानी पीयिस गड़गड़-गड़गड़ बिसालिक हा अउ गोसाइन ला तमकत झोला ला माँगिस। आगू ले…
छत्तीसगढ़ी कहानी:शब्दभेदी बाण-चन्द्रहास साहू
छत्तीसगढ़ी कहानी : शब्दभेदेबाण नवा जमाना के पृष्ठभूमि म लिखे कहानी आय । ए कहानी म…
छत्तीसगढ़ी कहानी:चिरई चुगनी- चन्द्रहास साहू
"मेहा किरिया खाके कहत हव दाई ! बिहाव करहू ते ओखरेच संग। मेहा जावत हव ओखर…
छत्तीसगढ़ी लोककथा: मुसवा-मुसवइन-कन्हैया लाल बारले
रतिहाकुन के बेरा आय। हा हा हा हा ही ही ही ही ही करत खटिया ले…
छत्तीसगढ़ी कहानी पसहर चाउर-चन्द्रहास साहू
"दोना ले लो ओ …!'' "पतरी मुखारी ले ले ओ..!'' "लाई ले ले ओ…. !'' दुनो…