भूखे भजन न होय गोपाला: एक लघु व्यंग्य आलेख-प्रोफेसर अर्जुन दूबे

पहले भोजन का प्रबंध करो, तब ईश्वर की बात करो। You can’t talk of God to…

नौकरी, एक लघु व्यंग्य आलेख-डॉं. अर्जुन दूबे

कौन है? सामने आओ।  कौन है जो आ नहीं रहा है, रघु ने कड़क आवाज में…

राज भाषा हिन्दी राष्ट्र भाषा न बन सकी, क्यो ?

आजादी के इतने दिनो बाद भी राज भाषा हिन्दी राष्ट्र भाषा न बन सकी, क्यो ?…

शोध आलेख-भरत वेद कृत ‘शिखंडी’ हिन्दी साहित्य का किन्नर केन्द्रित प्रथम नाटक

इसीलिए बीसवीं शताब्दी के आखिरी दशक में किन्नर केन्द्रित ' शिखंडी ' नाटक का भरत वेद…

इंडिया और भारत में भावनात्मक अंतर

इंडिया और भारत में भावनात्मक अंतर

संस्कृत ही रही होगी रामायण काल की प्रचलित संपर्क भाषा -बोली

यह तो सर्वविदित है कि भाषा ही संवाद का एक सशक्त माध्यम है, यह भाषा ही…

डिजिटल युग का हिंदी साहित्य पर प्रभाव

डिजिटल उपकरणों ने लेखकों और प्रकाशकों के लिए नए माध्यम खोले हैं जिससे वे अपने लेखन…

हिंदी भाषा का वैश्वीकरण

वैश्वीकरण के सबसे महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक भाषा का प्रसार है, और हिंदी इसका अपवाद…

यायावर मन अकुलाया-22 (यात्रा संस्‍मरण)-तुलसी देवी तिवारी

यायावर मन अकुलाया एक वृहद यात्रा संस्‍मरण है । यह यात्रा बिलासपुर छत्‍तीसगढ़ से प्रारंभ होकर…

जनवादी मूल्यों के अंतर्द्वंद में मुक्तिबोध -डॉ.अशोक आकाश

हिन्‍दी साहित्‍य के चर्चित एवं वरिष्‍ठ कवि मुक्तिबोध के जन्‍म दिवस 13 नवम्‍बर के इस अवसर…