छत्‍तीसगढ़ी देश भक्ति गीत: छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला

मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला

-राजेश चौहान

भारत के आजादी के अमृत महोत्‍सव के बेरा म समर्पित हे छत्तीसगढ़िया स्‍वतंत्रता सेनानी ल श्रद्धा सुमन अर्पित करत कविता ‘मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला’ । ए कविता म देश के आजादी म छत्‍तीसगढ़ के स्‍वतंत्रता सेनानी मन के नाम उल्‍लेख करत उन्‍हला याद करे गे हे ।

छत्तीसगढ़िया सभिमानी

छत्तीसगढ़िया सभिमानी

आज़ादी के अलख जगइया, जम्मो बागी बलिदानी ला
मोर सरधा के फूल अरपित है, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

ढिलिस आगी ला गेंदसिंह,
फूंकिस जमीदार राम राय ।
धधकिस जेखर ले बीर नारायन,
भभकिस हनुमान सुरेन्द्र साय ।।

बहादुर लाल कामेन्द्र सिंह, गुंडाधुर के बुद्धिमानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

गाजी, मल्लू, अब्दुल, नजर, अकबर,
सिव, बली दुबे, पन्ना, मातादीन ।
बुद्धूसिंह, लल्ला, ठाकुर सिंह,
परमानन्द, सोभा, जयगोविन्द ।।

दुरगापरसाद,देबीदीन, ये सतरा सैनिक बलिदानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

पंडित रविसंकर सुक्ल जी,
सप्रे जी, ठाकुर प्यारे लाल ।
ठाकुर छेदीलाल लाखे जी,
हमर बनिन तलवार ढाल ।।

पंडित सुन्दरलाल सरमा, चौबे कबि के कबिता बानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित है, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला । ।

नारायन राव, घनस्याम, नरसिंह,
छोटेलाल जी, ई. राघवेन्द्र राव ।
अहवान करिन क्रान्तिकुमार,
आव मातृभूमि बर खप जाव ।।

लछमन राव, रामदयाल तिवारी, दाऊ बरछिहा जी के सियानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

संकर राव, परसराम सोनी,
सिवबालक, खूबचन्द बघेल |
भगवती परसाद मिश्र जी,
जन-जन सो गइन बढ़ावत मेल।।

मौलाना रऊफ, यति यतनलाल जी, गनपत सिंह के जोरे मितानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला । ।

महंत लछमीनारायण दास,
मिन्टू कुम्हार, रामधीन गोंड़।
स्यामलाल जी, अऊ सुखराम,
निकलिन घर परिवार छोड़ ।।

दयावती राधाबाई, रोहनी देवी के मरदानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

रत्नाकर झा जी, दादा साहेब,
सखाराम गिरि, ग्वाल, सिवदास ।
सुधीर भूपेन्द अउ प्रेम वासनिक,
जनता बीच जगाइन बिसवास ।।

कानखोजे जी, दसरथ चौबे, किसना राव, नत्थूजी जइसे सेनानी ला |
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

बल्लभ दास, निखिल भूसन,
रनबीर सिंह, धनी राम बरमा।
मनोहर सिरवास, समर बहादुर,
कहिन नई बइठन अब घर मा ।।

ठाकुर रामकृस्न, सच्चिदानन्द सिंह, खुहार करिन जुवानी ला।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।

ये रहिन जेन छत्तीसगढ़िया,
आज़ादी बर अपन लमाइन हाथ ।
जिखर तियाग तपसिया के.
छत्तीसगढ़ मां हाबय इतिहास ।।

अउ कतको नामी गुमनामी हे, जेन देहे हावय कुरबानी ला ।
मोर सरधा के फूल अरपित हे, छत्तीसगढ़िया सभिमानी ला ।।

-राजेश चौहान

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