कोरोना पर तीन कविताएं-कृष्‍ण कुमार भट्ट ‘पथिक’

कोरोना पर तीन कविताएं

-कृष्‍ण कुमार भट्ट ‘पथिक’

कोरोना  पर तीन कविताएं-कृष्‍ण कुमार भट्ट 'पथिक'
कोरोना पर तीन कविताएं-कृष्‍ण कुमार भट्ट ‘पथिक’

कोरोना में इतिहास जाग रहा है

(31 दिसम्बर 2020 की स्थिति में..)
कोरोना-19 वायरस के घटते उपभोक्ता बाजार
जिंदगी की भूख की तनहाईयों से
बाहर सक्रिय आदमी के, सुखों के इन्द्रधनुष पर
मौन, जुगाली करता है
आकाश आज भी बदरंग है, मास्क से अलग
कुछ लोग कैद हैं, घरों पर
कोरोना वेक्सीन की इम्युनिटी के लिये
डॉक्टर, कवि चाचा, प्रेम कुमार वर्मा
करोना के लिये, मास्क, सेनेटाईजेशन
आइसोलेशन के इलाज बताते थक चुके हैं
थक चुके हैं, स्कूल कॉलेज के बच्चे
घरों पर मानसिक तनाव का स्क्रू ठीक करते
आनलाईन, ऑफलाईन पढ़ाई तुंहर द्वार
पढ़ते नये भावी, इतिहास के कर्णधार
जिंदगी अभी ढर्रे पर नहीं लौटी है
दिल्ली में तीन कृषि कानून, रद्द करने पर अड़े किसान
करोना के निगेटिव, पॉजीटिव पोजीशन पर
सड़कों पर मशीनों से रोटियां बना रहे हैं
सुना है किसान आंदोलन की रखवाली करते
तीन भारतीय पुलिस सेवा के अफसर बीमार हैं
बीमार है, भारतीय लोकतंत्र
कृषि कानून/संशोधित लागू करने में
बीमार इतिहास हो गया है
चीन के वुहान शहर से आये महामारी से
तीन तलाक बोलने पर सजायें
इतिहास का नब्ज ठीक कर रही हैं
गैंगरेप से फिर पीड़ित होती निर्भयायें
आजकल ताकत के साथ थानों पर
पुरजोर दस्तक दे रही हैं
दस्तकें फिर होने लगी हैं
कोरोना वेक्सीन के लिये सेंटरों पर।

कोरोना-19: एक स्केच

कोराना-19 के शिविर में, घर
या प्रवासी मजदूरों की वापसी में
रास्तों पर, ट्रेन में नये भविष्य के लिये
नौनिहालों का जन्म…
ट्रेन, बस, साईकल, पैदल चलते पाँव
महामारी/लक्षण परिवेश बन गये हैं
रविवार की छुट्टियों की प्रतीक्षा करते लोग
महामारी के सात दिनों का रविवार जी रहे हैं
वह भोजन, सब्जी, राशन, नाश्ते के पैकेट
महामारी को शांत कर रहे हैं
शांत कर रहे हैं डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी
पुलिस, प्रशासन परेशान है, लॉकडाउन के गीतों से…
मुँह पर मास्क लिये हुये नागरिक
बार-बार हितचिंतक, एन.पी. शर्मा, अक्षय कुमार राय
पूछ रहे हैं, कोरोना वायरस की निगेटिव पोजीशन
अब किसी के आगमन की प्रतीक्षा शांत है
वे वर्ष जो हमने जिये, बेकार नहीं थे
महामारी ने बेकार कर दिये
इतिहास के 75 प्रतिशत काम
फिर कब आयेंगे रास्तों पर
कोई भविष्यवक्ता से नहीं पूछ रहा है।

लॉकडाउन का पहला अनलॉक

हम संभावनायें तलाश रहे हैं
दीपावली 2020 पर समृद्धि में
कोरोना 2019 पीछा कर रहा है
मेरे आगे कुछ लोग हैं, दूरियों पर
‘मास्क ही वैक्सीन है दुहराते हुये
सेनेटाईजर से हाथ धोते हैं
मेरे पीछे कुछ लोग हैं
जो दीपावली के आसपास, लगातार
बिना मास्क चाय पी रहे हैं
निगेटिव, पॉजीटिव की लाईन से अलग
कुछ लोग, महिला, पुरुष घरों में कैद हैं
लॉकडाउन के सात दिनों का रविवार
अब नहीं रहा, बेमतलब मरने से अलग
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रशासन से जारी
हिदायतों पर अमल करते. जीते हैं लोग
कोरोना के फर्जी इन्द्रधनुष में
रंग भरते हुये कुछ लोग
पॉजीटिव का निगेटिव प्रमाणपत्र बाँट रहे हैं
महामारी के आशीर्वाद बाँट रहे हैं
बेहतर है, मास्क ही वेक्सीन है
जीते हुए इतिहास की महामारी से
बाहर की सीढ़ियाँ उतरते हुये
एक नये इन्द्रधनुष की तलाश….

कवि परिचय

नाम: कृष्ण कुमार भट्ट ‘पथिक’
पिता का नाम: स्व. श्री जगतराम भट्ट
माता का नाम : स्व. श्रीमती औदिया देवी भट्ट
जन्म तिथि: 18-06-1946
जन्म स्थान: गोंडपारा, बिलासपुर (छ.ग.)
पत्नी का नाम: श्रीमती राजिम भट्ट
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), बी.एड.
प्रकाशित पुस्तकें : युग मेला (काव्य संग्रह), चेहरे
के आसपास (कहानी संग्रह),
अनवासना (वार्षिक पत्रिका का सम्पादन)। नागपुर
विश्वविद्यालय, नागपुर (महाराष्ट्र) प्रताप महाविद्यालय,
उमेलनर (महाराष्ट्र) की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की पुस्तकों
में आलेख प्रकाशित।
सहभागिता : ‘संदर्भ’ बिलासपुर, अखिल भारतीय विकास संस्कृति
साहित्य परिषद-जिला, शाखा बिलासपुर के अध्यक्ष,
छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद जिला शाखा-मुंगेली,
समन्वय साहित्य परिवार जिला शाखा-मुंगेली के
जिलाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति-जिला शाखा मुंगेली के जिला संयोजक, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग
(छत्तीसगढ़ शासन), रायपुर के मुंगेली जिला समन्वयक।
निवास का पता : पूर्व प्राचार्य, मस्जिद के पीछे तारबाहर, बिलासपुर
(छ.ग.) – 495004
मोबाईल-: 07489036344

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