यशवंत”यश”सूर्यवंशी के दस हाइकु
यशवंत”यश”सूर्यवंशी के दस हाइकु
दरका खेत~ किसान के माथे में चिंता की रेखा।
नारी जीवन ~ नोंचते माँ की गोश्त बिच्छू शावक।
अनाथ बच्चे~ टूट गए डाली से नई कोंपलें।
बीच सड़क ~ कामधेनु है खड़ी गतिरोधक।
बरसे घन~ सब्र का पूल टूट बहते अश्क।
जंगली भैंसा खींच रहा हल को~ शहरी बच्चा ।
चश्में में दाग~ प्रत्यारोपण नेत्र निहारे बच्चे ।
गिद्ध की दृष्टि ~~ बुजुर्ग की आँखों में मोतियाबिंद ।
नागिन डांस~ उमड़ी है पत्नी को मिर्गी के रोग।
अज को दूब खिला रहा कसाई ~ पान प्रसाद।
यशवंत"यश"सूर्यवंशी भिलाई दुर्ग छग मो 9131522630