Devi Pachara देवी पचरा- अमर सुहाग
-डॉ. अर्चना दुबे ‘रीत’
Devi Pachara
Devi Pachara देवी पचरा- अमर सुहाग
सोलह श्रृंगार करके आयी तेरे द्वार
लाज रखियो जगदम्बा अम्बा
रहे अमर सुहाग
लाज रखियो जगदम्बा अम्बा
अमर सुहाग————–2
दिन रात मईया भजन तोहार गाइला
दुःख सुख आपन हम तोहके सुनाइला
जिन करा देर मईया सुनिल पुकार
लाज रखा————–2
हार फूल लेके मन्दिर तोहरे आये
पुड़ी मिठाई के भोग हम लगायें
करा सबकर रक्षा मईया
करब जय जयकार
लाज रखा———2
धूप दीप लेके करबै तोहरी अरतियां
लड़िका परानी गाइब माई गीतिया
अंचरा पसार मागब तोहसे आशीर्वाद
लाज रखा जगदम्बा अम्बा
अमर सुहाग———-2
सोलह श्रृंगार करके आयी तेरे द्वार लाज रखा जगदम अम्बा
अमर सुहाग—-2
-डॉ. अर्चना दुबे ‘रीत’
मुंबई