डिजिटल मार्केटिंग परिचय Introduction of Digital-Marketing –
आज के समय में नेट इंटरनेट, सोशल मिडया, वेबसाइट, एप जैसे शब्दों से बच्चा-बच्चा परिचित है । प्रायः हर व्यक्तियों के हाथ में मोबाइल है वह भी कम से कम एनराइड । बाजार स्वभावतः उस दिशा में आगे बढ़ जाता है जिस दिशा में लोगों का अधिक रूझान होता है । जब देखा गया कि लोगों का रूझान इंटरनेट और इसके विभिन्न विकल्पों में दिनों-दिन बढ़ रहा है तो बाजार भी उसी दिशा में चल पड़ा । इन दोनों के मेल होने पर एक नये शब्द का निर्माण हुआ जिसे डिजिटल मार्केटिंग Digital-Marketing कहते हैं ।
‘डिजिटल मार्केटिंग‘ Digital-Marketing को समझने के लिये इसके दोनों शब्द डिजिटल और मार्केटिंग से परिचित होना पड़ेगा । दोनों शब्दों से परिचित होने के बाद इन दोनों का आपसी तालमेल को समझेंगे ।
डिजिटल Digital-
डिजिटल, इलेक्ट्रानिक की एक अत्याधुनिक विकसित तकनिक है जो इलेक्ट्रनिक युक्तियों के संगणन को सुविधा पूर्वक कराने में मदद करता है । यह अंकीय रूप में 0 एवं 1 के रूप दर्ज होता है इन्हे बीट और इनके समूह को बाइट कहते हैं । इस पद्धति को बाइनरी पद्धति कहते है। इसको सहज भाषा में किसी उपकरण के काम करने के ढंग और परिणाम देने की सरल करने की तकनिक है । किसी भी इलेक्ट्रानिक युक्ति जैसे मोबाइल, कम्प्यूटर की क्रिया विधि को मोटा-मोटी तीन भाग में बांटा जाता है इनपुट, प्रोसेसिंग और आउटपुट । इनपुट के रूप में हम इन युक्तियों को जा आदेश देते हैं वह उसमें इसी सांकेतिक रूप में दर्ज होता है इसी सांकेतिक भाषा का विश्लेषण, कर वह प्रासेसिंग क्रिया करता है फिर वह आउटपुट के रूप में परिणाम देता है । बोलचाल की भाषा में इंटरनेट की सहायता से चलने वाले युक्ति और उन पर उपलब्घ सुविधाओं के समूह को डिजिटज कह सकते है।
मार्केट market-
मार्केट का प्रचलित अर्थ वस्तु का विनिमय होता है । चाहे वह वस्तु वस्तु का विनिमय हो अथवा वस्तु के बदले धन करेंसी का विनिमय हो । किन्तु आज कल इसके अर्थ में इसका व्यपाक परिवर्तन हुआ है । अब व्यापक अर्थ में अपने उत्पाद अथवा किसी काम करने की सेवा की जानकारी विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुँचाना । अपनी सेवा अथवा अपने उत्पाद की ओर लोगों को आकर्षित करना, इसे खरीदने के लिये ललायित करना मार्केटिंग कहलाता है ।
डिजिटल मार्केट Digital-Marketing-
डिजिटल माध्यमों की सहायता से मार्केटिंग करना ही डिजिटल मार्केटिंग कहलाता है । वास्तव में समय के अनुसार लोगों की रूचि में परिवर्तन होता है इस परिवर्तन के अनुसार मार्केट का रूख भी बदल जाता है । पहले लोग अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिये उत्पाद को खुद खोजते पहुँच जाते थे, किन्तु आगे चलकर लोगों को अपने उत्पाद का प्रचार करने की आवश्यकता हुई लोग पाम्पलेट, होल्डिंग, हेंडबिल, वाल पेंटिग, आदि के माध्यम से अपने उत्पाद का प्रचार करने लगे । तेज गति से समय में परिवर्तन हुआ अब इन उत्पादों का प्रचार सोशल मिडिया, डिजिटल माध्यम से होने लगा । यहीं से डिजिटल मार्केट Digital-Marketing का जन्म हुआ ।
- अब आप जैसे मोबाइल या कम्प्यूटर पर कोई पेज खोलते हैं तो अधिकांश विज्ञापन स्वचालित रूप से खुलता है । फेसबुक हो, यू-ट्यूब हो, अन्य वेबसाइट या कोई मोबाइल ऐप आपको अनचाहा विज्ञापन देखने को मिल ही जाता है । ये सभी डिजिटल मार्केट Digital-Marketing है ।
- पहले-पहले डिजिटल माध्यम का उपयोग केवल प्रचार करने के लिये किया गया बाद में ऑनलाइन मार्केट का भी शुरू हो गया जहाँ लोग ऑनलाइन उत्पाद की विशेषताओं को देख कर, मूल्य देखकर उत्पाद का भुगतान ऑनलाइन कर देते हैं और वह उत्पाद उसके घर तक पहुँचा दिया जाता है ।
- इस प्रकार अपने उत्पाद का ऑनलाइन बिक्री, अपने उत्पाद का प्रचार अथवा इनके अन्य सहायक क्रियायें जैसे रिब्यूस, एफलेटिंग माकेंटिंग आदि जिससे उत्पाद का ऑनलाइन डिजिटल माध्यम की सहायता से प्रचार और बिक्री हो डिजिटल मार्केट Digital-Marketing होता है ।
डिजिटल मार्केटिंग की आवश्कता Need for Digital-Marketing –
डिजिटल मार्केटिंग Digital-Marketing की आवश्यकता को डिजिटल माध्यम स्पष्ट करता है पलक झपकते ही किसी भी संदेश को पूरे विश्व में पहुँचा देता है । अपने उत्पाद का प्रचार यदि ट्रेडिशनल तरीके से करे तो बहुत ही सीमित क्षेत्रों में ही इसका प्रचार किया जा सकता है । जिससे एक सीमित लोगों तक ही हमारी पहुँच हो सकती है किन्तु डिजिटल माध्यम हमें असीमितक्षेत्र में असीतिमत लोगों से संपर्क स्थापित करने का मौका देता है । यही मौका, यही अवसर, यही चांस मार्केट को नई ऊँचाई देने में मददगार है । इसलिये हर छोटे-बड़े उद्योगपति, व्यपारी, सेवाप्रदाता इसका भरपूर उपयोग करना चाहते है।
डिजिटल मार्केटिंग का माध्यम Digital-Marketing path-
डिजिटल का क्षेत्र बहुत बड़ा है । डिजिटल के जिन साधनों से डिजिटल मार्केटिंग Digital-Marketing फल-फूल रहा उन साधनों को ही इसका माध्यम कहते हैं । कुछ लोग इसे डिजिटल मार्केटिंग का प्रकार तो कुछ लोग इसे रणनीति ;जतंजबपेद्ध कहते हैं । इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है –
सर्च इंजन अपटिमिजशन SEO –
यह एक ऐसा माध्यम में जिसमें कस्टमर को ब्राउजर से ही अपनी ओर आकर्षित करता है । कोई सर्चर ब्राउजर में सर्च करता है, सर्चर के संबंधित विषय पहले ही पृष्ठ पर दिखाई देने लगता है, इससे वह सर्चर उसकी ओर आकर्षित हो जाता है, उस पेज को खोलने के लिये । SEO करने के लिये कीवर्ड महत्वपूर्ण होता है । इसे प्रशिक्षण एवं अभ्यास से सीखा जा सकता है ।
सोशल मिडिया मार्केटिंग Social media marketing-
इसके अंतर्गत विभिन्न चैटिंग प्लेटफार्म जैसे facebook, Instagram, whatsapp, twiter, LinkedIn आदि का उपयोग प्रोडक्ट के प्रचार के लिये किया जाता है । आप देखे होंगे इन माध्यमों में आपको विज्ञापन अनायस ही दिख जाते हैं । ये विज्ञापन डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा है ।
ईमेल मार्केटिंग Email marketing-
यदि आप जीमेल चलाते होंगे तो आपको पता होगा कि प्रमोशन केटेगरी में अनचाहा मेल आते रहते हैं जिसमें और कुछ नहीं किसी न किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन होता है । यह भी डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा होता है ।
यूट्यूब चैनल Youtube channel-
आप यूट्यूब का कभी न कभी उपयोग किय होंगे और आपने देखा भी होगा या तो विडियों के शुरू में या बीच में या कहीं पर भी विज्ञापन दिखाया जाता है । यूट्यूब अपने कस्टमर तक पहुँचने का अब एक बहुत बड़ा साधन होते जा रहा है इसलिये यूट्यूब डिजिटल मार्केटिंग का बहुत बड़ा हिस्सा होता जा रहा है ।
एफिलिएटिंग मार्केटिंग Affiliate Marketing-
इसके अंतर्गत प्रोडक्ट या सर्विस प्रोवाडर के प्रोडक्ट को या सर्विस को दूसरा व्यक्ति अपने स्रोस की सहायता से खरीददार तक पहूँचाता है जिसके बदले में उसे कमीशन मिलता है । इसके लिये वह उस प्रोडक्त के रिव्यू के लिये कोई कंटेट क्रियेट करता है अथवा उसके लिंक को अपने मित्रों तक साझा करता है । जब उसके कंटेट के माध्यम से या लिंक की सहायता से जब कोई खरीदी करता है तो उसे कमीशन मिलता है ।
पे पर क्लिक-
इसके अंतर्गत प्रोडक्ट या सर्विस प्रोवाडर का विज्ञापन किसी के बेबसाइट या ब्लांग आदि पर चलता है जिसे व्यूवर के द्वारा क्लिक किये जाने पर वेबसाइट,ब्लॉग ओनर को प्रति क्लिक पर पैसा देता है । जैसे Adsense इससे प्रोडक्ट का विज्ञापन भी हो जाता है ।
एप्स मार्केटिंग Apps Marketing-
इसके अंतर्गत इंटरनेट, गुगलप्लेस्टोर पर विभिन्न प्रकार एप लांच किये जाते जो या तो सीधे-सीधे प्रोडक्ट से जुड़े होते अथवा उनके विज्ञापन के संवाहक । आजकल कम्प्यूटर, लेबटॉब की तुलना में कई गुणा अधिक मोबाइल का उपयोग होने लग गया है और यह एप मोबाइल के लिये बनाये जाते हैं इसलिये यह बहुत प्रभावी माध्यम होने लग गया है ।
डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिता Application of Digital-Marketing-
आजकल डिजिटल माकेंटिंग Digital-Marketing, मार्केट का अभिन्न हिस्सा हो गया है । यदि कोई उद्योग इससे अपरिचित है तो उसे आगे बढ़ाना मुश्किल हो जाता है । डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग निम्नानुसार किया जा सकता है-
वेबसाट पर ब्रोसर, बेनर बनाकर-
अपने वेबसाइट पर संबंधित उत्पाद का ब्रोसर बनाकर कस्टमर को सीधे उत्पाद तक भेजा जा सकता है
ट्रेफिक के आधार पर-
किस बेवसाइट पर अधिक ट्राफिक का पता लगा कर उस वेबसाइट पर अपने उत्पाद का एड लगाकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा जा सकता है ।
एट्रब्यूशन द्वारा-
इसके द्वारा यह पता किया जा सकता है कि वर्तमान में लोगों का रूझान किस विषय पर अधिक है, किस प्रकार के उत्पाद पर अधिक रूझान है उसके अनुरूपर व्यूवर तक उसी प्रकार का विज्ञापन प्रेषित करके मार्केटिंग को बढ़ाया जा सकता है ।
ऑंलाइन इंकम से परिचय Introduction to online income-
इंटरेनेट के जमाने में केवल संचार साधनों, पत्र-व्यवहार के रूपों में ही परिवर्तन नहीं हुआ अपितु काम करने के ढंग में भी परिवर्तन हो गया है । उद्याेगों में, कार्यालयों में सभी स्थानों पर इंटरनेट, ऑनलइन काम प्रारंभ हो गये हैं । मजेदार बात तो यह है कि अब कोई भी, कहीं भी घर बैठे ही केवल अपने मोबाइल की सहायता से काम करके इंकम कर सकता है । चूंकि किसी भी बात का प्रचार धीरे-धीरे होता है जब काम अधिक और काम करने वाले कम होते हैं, तो स्वभाविक रूप से उसे इंकम भी अधिक होता है किन्तु जैसे-जैसे काम करने वालों की संख्या बढ़ने लगती है तो इंकम भी कम होने लगता है ।
आज लॉकडाउन की स्थिति ने अधिकांश लोगों को ऑनलाइन इंकम की ओर आकिर्षित किया है और काम करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और इस अनुपात में लॉकडाउन के ही कारण काम करने के अवसर कम हुये हैं ।
यदि आप ऑनलाइन इंकम करने का सोच रहे हैं तो पहले आपको कुछ प्रश्नों के जवाब पता होना चाहिये-
ऑनलाइन इंकम क्या हैं What is online income?
जब हमें काम करने के लिये कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती अपितु काम ही चल कर हमारे पास आ जाता है ऑनलाइन । तब हम किसी के लिये ऑनलाइन पर कुछ काम करते हैं, उसके एवज में वह हमें कुछ राशि का भुगतान करता है । यही ऑनलाइन इंकम है ।
ऑनलाइन इंकम क्यों होता है Why is online income ?
यह समय विज्ञान के साथ-साथ विज्ञापन और प्रचार का भी है इन दोनों के ही कारण यह इंकम होता है । विज्ञान के कारण इस लिये कि विज्ञान की देन ऑनलाइन की सहायता कोई आपके स्कील को खरीदता और आपको मेहताना देता है ।
इसमें क्या होता है कि काम देने वाले को अपने लिये कर्मचारी सेलरीबेस पे रखने की आवश्यकता नहीं होती और जब काम की आवश्यकता होती है, तो ऑनलाइन अपने योग्य हुनरमंद व्यक्ति को खोज कर काम दे देता है इससे उसे भी लाभ होता है और काम करने वाले को भी घर बैठे काम मिल जाता है ।
बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पाद के विज्ञापन और प्रचार करने के लिये बहुत बड़ी राशि खर्च करती हैं, इन्हीं राशियों को वह ऑनलाइन विज्ञापन में लगा देती हैं, अपने विज्ञापन पढ़ने अथवा देखने केेि लिये पैसा देती हैं ।
ऑनलाइन इंकम किन-किन रूपों में होता है What are the forms of online income??
ऑनलाइन इंकम प्रायः तीन रूपों में होता है-
वर्चुवल, एक्सचेंज और रियल
वर्चुवल (आभासी)-
ज्यादातर ऑनलाइन इंकम प्रोवाइडर इसी प्रकार का इंकम देती हैं । इसमें सर्विस प्रोवाइडर एक पाइंट निर्धारत करता है, जिसे अपने सुविधानुसार कुछ निश्चित नाम देकर रखे हैं जैसे-पाइंट, सिक्का, क्राउजर आदि । जब यह एक निर्धारित स्तर तक पहुॅच जाता तो इसे प्रोडक्ट या वास्तविक पैसे में एक्सचेंज किया जा सकता है ।
एक्सचेंज-
इस प्रकार के इंकम आपको पैसा के बदले ऑनलाइन प्रोडक्ट ही खरीद सकते हैं । नगद प्राप्त नहीं कर सकते ।
रियल इंकम-
इस प्रकार के इंकम में वास्तविक रूप से नगद प्राप्त कर सकते हैं ।
ऑनलाइन इंकम कहां-कहां से होता है Where does online income occur?
ऑनलाइन इंकम ऑनलाइन के दोनों प्रमुख साधनों अर्थात मोबाइल एप एवं बेबसाइट से होता है । बहुत सारे मोबाइल एप है जो आपको इंकम करने का अवसर देती है, इसी प्रकार बहुत सारे वेबसाइट भी हैं । इसके अलवा आप स्वयं के वेबसाइट, ब्लॉग, एप, विडियों बना कर भी ऑनलाइन इंकम कर सकते हैं ।
ऑनलाइन इंकम कैसे होता है How is online income?
ऑनलाइन इंकम मुख्य रूप से तीन प्रकार से होता है- पहला स्कीलबेस्ड, दूसरा टास्क बेस्ड और तीसरा सेल्फ बेस्ड स्वयं सर्विस प्रोवाइडर बनकर।
स्कील बेस्ड-
स्कील बेस्ड इंकम आप अपने कुछ स्कील जैसे वेबलिजाइनिंग, कांटेंट राइटिंग के बदौलत प्राप्त करते है । इसमें वेबसाइड एक प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है, जहां काम देने वाला और काम करने वाला दोनों एक साथ आते हैं, काम देना वाला अपना काम एक प्रोजेक्ट के रूप में विवरण सहित प्रस्तुत करता है, काम करने वाला उसके प्रोजेक्ट पर अपना बोली लगता है जिसमें वह अपने स्कील के बारे बताता है, काम का दाम बताता है । अनेक बोलियों से काम लेना वाला अपने अनुरूप काम करने वाले का चयन कर लेता है ।
टास्क बेस्ड इंकम-
टास्क बेस्ड इंकम-इसमें सर्विस प्रोवाइडर काम करने वाले को एक टास्क उपलब्ध कराता है यह कई रूपों में हो सकता है जैसे-गेम खेलना, क्विज खेलना, एड़ देखना, विडियों देखना, केप्चा पूरा करना, सर्वे पूरा करना आदि । इन टास्कों को पूरा करके पैसा कमाया जा सकता है ।
सेल्फ बेस्ड
स्वयं के बेबसाइट या ब्लॉग और यूट्यूब पर एडसेंस जैसे विज्ञापन दाता के विज्ञापन चलाकर इंकम कर सकते हैं । सबसे प्रभावी तरीका एफलियेट मार्केटिंग है, जिसमें आनलाइन सेलर के प्रोडक्ट का प्रचार करके कमीषन के रूप में इंकम कर सकते हैं ।
किस काम को करने से परिश्रम के अनुरूप इंकम होता है ?
यह प्राकृतिक सत्य है बिना कुछ किये कभी न कुछ मिला है न कभी कुछ मिलेगा । इंकम करने के लिये मेहनत तो करना ही होगा । जिसमें ज्यादा समय और ज्यादा परिश्रम लगाया जाता है वहां ज्यादा इंकम भी होता है । ऑनलइन के तीनों प्रकार के काम करने के तरीकों को इंकम की दृष्टिकोण से देखते हैं –
- सेल्फ बेस्ड-सेल्फबेस्ड स्वयं पर निर्भर है इसलिये निश्चित रूप से इंकम का सबसे बड़ा साधन यही है । किन्तु ध्यान रखना होगा इसी में सबसे ज्यादा समय देने की भी आवश्यकता होती है । प्रारंभ में कोई इंकम नहीं होता किन्तु एक बार स्थापित हो जाने के पश्चात अच्छा खासा इंकम होती है । निश्चित रूप से इसमें परिश्रम के अनुरूप इंकम होता है किन्तु इसमें बहुत लंबी प्रतिक्षा करनी होती है । किसी-किसी की प्रतिक्षा इतनीं लंबी हो जाती है कि वह टूटने लगता है ।
- स्कील बेस्ड- स्कील बेस्ड कुछ समय के संघर्ष के पश्चात एक अच्छा इंकम देता है । इसके लिये आवश्यक आप अपने आप में कुछ न कुछ स्कील जरूर पैदा करें । अपने आप स्कील पैदा करने और उसे बढ़ाने के लिये ऑनलाइन बहुत से सर्विस भी उपलब्ध हैं, सबसे अच्छा साधन यूट्यूब का निःशुल्क विडियों हैं, जहां आप कई स्कील सीख सकते हैं । निश्चित रूप से इसमें परिश्रम के अनुकूल इंकम होता है ।
- टास्क बेस्ड-यह सर्वाधिक लोंगों द्वारा उपयोग में लाई जाती है क्योंकि इसमें कुछ भी प्रतिक्षा नहीं करना होता सीधे-सीधे टास्क को पूरा करना प्रारंभ करते हैं और इंकम करने लगते हैं न ही इसमें कोई विषेश स्कील ही आवश्यकता होती, विज्ञापन देखना, पढ़ना, लिंक शेयर करना जैसे आसान काम होते हैं । कितु यह कार्य बहुत उबाऊ होता है । 7-7, 8-8 घंटे का समय देकर बमुश्किल 100-200 रूपय से अधिक नहीं कमाया जा सकता । निःसंदेह इसमें परिश्रम के अनुकूल इंकम नहीं हो पाता ।
क्या इससे केवल समय की बर्बादी तो नहीं ?
- यदि आप इस काम के लिये गंभीर नहीं हैं तो िनिश्चित रूप से यह समय की ही बर्बादी है । क्योंकि बैठे-बैठे कभी भी, किसी को कुछ नहीं मिलता ।
- यदि आप पूरे लगन से गंभीर होकर काम करें तो इसमें आपके द्वारा व्यतित हर क्षण का एक न एक दिन लाभ अवश्य होगा ।
- बिना किसी योजना के, बिना किसी स्कील के काम ज्यादा दिन तक चल नहीं सकते इसलिये बिना योजना और बिना स्कील के किये काम में समय बर्बादी तो होगा ही ।
- यहाँ योजना से अभिप्राय अपनी क्षमता को परख कर निश्चित स्कील को प्राप्त करना फिर उसका उचित ढंग उपयोग करना है, पूरा कार्य एक प्रबंधन की तरह होना चाहिये ।
यहाँ काम करने के लिये क्या करना चाहिये ?
अपने आप में स्कील को पहचानना-
सबसे पहले अपने आप का खोज करना चाहिये । अपने आप से वह क्षमता खोज कर निकालना चाहिये जिसे आप किसी स्कील में परिवर्तित कर सकते हैं ।
अपने स्कील का अभ्यास करना-
दूसरा काम अपने स्कील को सीखना, अभ्यास करना और उस स्कील का उपयोग करके निखारना चाहिये । आप स्कील को यहां आनलइन ही सीख सकत हैं । अपने स्कील के वेब सर्च या विडियों सर्च करे और तब तक करे जब तक आपके लिये संतोषप्रद न हो जाये ।
उचित प्लेटफार्म का निर्धारण करना
तीसरा काम अपनी रूचि एवं क्षमता के अनुरूप काम के लिये उचित प्लेटफार्म का निर्धारण करना । इसे भी सर्च से प्राप्त कर सकते हैं किन्तु ध्यान रखें किसी भी प्लेटफार्म के बारे जानते ही उसमें एकाउन्ट न बनाये अपितु उस प्लेटफार्म का रिव्यू चेक करें, उसमें काम कर चुके व्यक्तियों का विडियों देखें, उनके अनुभवों के समझें । जब आप अच्छे से संतुश्ट हो जाये कि यह प्लेटफार्म मेरे स्कील के अनुरूप है तभी एकाउन्ट बनाये और काम करें ।
निष्कर्ष-
अंत में यही कहना चाहूँगा कि अपनी क्षमता को परखिये, अपने लिये स्कील बनायें, फिर योजनाबद्ध तरीके से ऑनलाइन इंकम के क्षेत्र में कदम रखें सफलता जरूर मिलेगी अन्यथा इसमें समय और परिश्रम के बर्बादी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा । यह तो अत्यंत संक्षिप्त जानकारी है । इतने ही विषय पर मोटी-मोटी किताबे लिखी जा चुकी है । डिजिटल मार्केटिंग Digital-Marketing को लेकर असंख्य ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कोर्स चल रहे है । वास्तव में इस विषय को पूर्णरूपेण सीखना है तो अनुभवी प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया जाना चाहिये । डिजिटल माकेंटिंग Digital-Marketing अब केवल उत्पादकों के लाभ तक ही सीमित नहीं रह गया है अपितु सैकड़ो लोगों को अपने मार्केट पर मार्केट करने का अवसर उपलब्ध करा रहा है । इस प्रकार यह दो तरफा लाभ का विषय हो गया है । यही इसकी महत्ता को प्रतिपादित करता है ।
-रमेश चौहान
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