महिला सशक्तीकरण पर दो अतुकांत कवितायेँ
-डॉ. अलका सिंह
महिला सशक्तीकरण पर दो अतुकांत कवितायेँ

डॉ. अलका सिंह-एक परिचय-
डॉ अलका सिंह डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।शिक्षण एवं शोध के अतिरिक्त डॉ सिंह महिला सशक्तीकरण , विधि एवं साहित्य तथा सांस्कृतिक मुद्दों पर सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त वे रजोधर्म सम्बन्धी संवेदनशील मुद्दों पर पिछले लगभग बारह वर्षों से शोध ,प्रसार एवं जागरूकता का कार्य कर रही है। वे अंग्रेजी और हिंदी में समान रूप से लेखन कार्य करती है और उनकी रचनाएँ देश विदेश के पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती हैं। उनकी सात पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा शिक्षण एवं लेखन हेतु सात पुरस्कार/ सम्मान प्राप्त हैं।
महिला सशक्तीकरण पर दो अतुकांत कवितायेँ – डॉ. अलका सिंह
1. मिशन शक्ति –
क्यों किसी गति को समेटें
शक्ति का क्रम चले हर पल।
शक्ति की बहने लगी है प्रबल धारा,
मातृशक्ति पुंज जगमग।
अनवरत हो श्रृंखला बहती रहे
चलती रहे नित नयी नूतन
शक्ति की आराधना ,
मातृ शक्ति वंदना।
मातृ शक्ति है अपरमित
मातृ वंदन की घड़ी,
मिशन शक्ति के चरण में
हम राष्ट्र मूल्यों को संजोकर
हर बालिका में शक्ति देखें
प्रकृति की हम शक्ति देखें।
2. मातृ शक्ति का उदय –
तेज़ की है अब प्रबलता
उषा रश्मि व्योम में बढ़
तेज़ फैलाती निरंतर।
मातृ शक्ति का उदय अब
प्रकृति जीवित नयी उर्जित।
कणों की भी शक्ति, अब कोष्ठकों से निकल कर
नयी ऊर्जा लिए प्रेरित महाशक्ति बन रही हैं।
एक व्यापक वृहद् फैले क्षेत्र का उद्देश्य
स्वयं प्रेरित और उर्जित हो उठा है
शक्ति का बढ़ता नया परिवेश।
मातृशक्ति का उदय है
प्रकृति शक्ति का उदय है।
-डॉ. अल्का सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ राम मनोहर लोहिया
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ





Leave a Reply