ज्योतिष के अनुसार नामकरण करने की विधि
-रमेश चौहान
भारतीय ज्योतिष के अनुसार नामकरण-
नामाक्षर से व्यक्ति के व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जा सकता है, यदि उस व्यक्ति का नामकरण ज्योतिष सम्मत रखा गया हो । ज्योतिष सम्मत नाम को ही राशि नाम कहते हैं । भारतीय संस्कृति में जहॉं 16 संस्कारों का विधान है, 16 संस्कारों में एक संस्कार नामकरण संस्कार है । नामकरण संस्कार किसी ज्योतिषविद अथवा ज्योतिष के जानकार विप्र के द्वारा कराये जाने की परम्परा है । जातक का नामकरण पंचांग पूजा के पश्चात किया जाता रहा है किन्तु जब से शिक्षित होने का अभिप्राय संस्कारों, संस्कृतियों पर प्रश्न खड़ा करना, अपनी परम्परा को हीन समझना हो गया है तब से नामकरण संस्कार की परम्परा लुप्तप्राय हो रही है । यह अलग बात है कि जिस जातक का बचपन में ज्योतिष नामकरण नहीं हुआ है, वही जातक स्वयं बाद में अपने व्यवसाय या विवाह आदि के उद्देश्य से अपना ज्योतिष आधारित नामकरण करवाता है ।
ज्योतिष के अनुसार नामकरण करने की विधि –
जातक का नामकरण संस्कार कराया जाना सर्वोत्तम है किन्तु किसी कारण आप अपने बच्चे का नामकरण स्वयं कर रहे हैं तो नामकरण करते समय कुछ बातों का ध्यान रख कर अपने बच्चे का राशि नाम रख सकते हैं । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति का राशि नाम जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है । नामकरण के लिये सबसे महत्वपूर्ण होता है, जातक के समय का नक्षत्र का ज्ञान होना । नक्षत्र का ज्ञान आप अपने घर के कलेण्डर अथवा पंचाग से कर सकते ऐसी भी आजकल समाचार पत्रों, न्यूज वेबसाइट, ज्योतिष आधारित वेबसाइट अथवा एप में नक्षत्र की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है । जातक के जन्म समय कौन सा नक्षत्र चल रहा है, उस नक्षत्र का उस समय कौन सा चरण चल यह जानकर जातक का नामकरण आसानी से किया जा सकता है ।
नक्षत्र के अनुसार नाम का प्रथमाक्षर-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां एवं 27 नक्षत्र हैं । प्रत्येक राशि में 2.25 नक्षत्र और प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण होतें हैं । नक्षत्र के प्रत्येक चरण के लिये नामाक्षर निर्धारित हैं । इस प्रकार प्रत्येक राशि में 12 नामाक्षर निर्धारित है । जातक के जन्म के समय चल रहे नक्षत्र और उसके चरण के आधार पर जातक नामाक्षर तय कर करके जातक का नामकरण किया जा सकता है ।
क्रमांक | नक्षत्र का नाम | प्रथम चरण का नामाक्षर | द्वितीय चरण का नामाक्षर | तृतीय चरण का नामाक्षर | चतुर्थ चरण का नामाक्षर | राशि |
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1 | अश्वनी | चू | चे | चो | ला | मेष |
2. | भरणी | ली | लू | ले | लो | मेष |
3. | कृतिका | अ | ई | उ | ए | मेष 1 वृषभ 3 |
4. | रोहणी | ओ | वा | वी | वू | वृषभ |
5. | मृगशिरा | वे | वो | का | की | वृषभ 2 मिथुन 2 |
6़़. | आर्द्रा | कू | घ | ड. | छ | मिथुन |
7. | पुनर्वसु | के | को | हा | ही | मिथुन 3 कर्क 1 |
8. | पुष्य | हू | हे | हो | डा | कर्क |
9. | आश्लेषा | डी | डू | डे | डौ | कर्क |
10. | मघा | मा | मी | मू | मे | सिंह |
11. | पूर्वा फाल्गुनी | मो | टा | टी | टू | सिंह |
12. | उत्तरा फाल्गुनी | टे | टो | पा | पी | सिंह 1 कन्या 3 |
13. | हस्त | पू | षा | ण | ठा | कन्या |
14. | चित्रा | पे | पो | रा | री | कन्या 2 तुला 2 |
15. | स्वाती | रू | रे | रो | ता | तुला |
16. | विशाखा | ती | तू | ते | तौ | तुला 3 वृश्चिक 1 |
17. | अनुराधा | ना | नी | नू | ने | वृश्चिक |
18. | ज्येष्ठा | नो | या | यी | यू | वृश्चिक |
19. | मूल | ये | यो | भा | भी | धनु |
20. | पूर्वाषाढ़ | भू | धा | फा | ढ़ा | धनु |
21. | उत्तराषाढ़ | भे | भो | जा | जी | धनु 1 मकर 3 |
22. | श्रवण | खी | खू | खे | खौ | मकर |
23. | धनिष्ठा | गा | गी | गू | गे | मकर 2 कुंभ 2 |
24. | शतभिषा | गो | सा | सी | सू | कुंभ |
25. | पूर्वा भाद्रपद | से | सो | दा | दी | कुंभ 3 मीन 1 |
26. | उत्तरा भाद्रपद | दू | थ | झ | त्र | मीन |
27. | रेवती | दे | दो | चा | ची | मीन |
नामकरण के लिये नक्षत्र का निर्धारण करना-
सारणी ‘नक्षत्र के अनुसार नाम का प्रथमाक्षर’ से किसी व्यक्ति के नाम का प्रथमाक्षर का चयन करके उस जातक नामकरण आसानी से किया जा सकता है । नामकरण के लिये जरूरी है नक्षत्र की जानकारी होना और उस नक्षत्र के चरण को जानना आइये इस पूरी प्रक्रिया को एक उदाहरण से समझते हैं ।
नामकरण करने का एक उदाहरण-
मानलो किसी जातक का जन्म 2 फरवरी 2021 को शाम 7.14 मीनट पर हुआ । सबसे पहले हमें जानना है उक्त तिथि (तारिख) को कौन सा नक्षत्र है । किसी भी कलेण्डर को उठाकर आप देख जीजिये उस तारीख उसनक्षत्र समाप्ति समय के साथ अंकित मिलेगा । कलेण्डर में 2 फरवरी 2021 देखने पर उस खण्ड में हस्त 12।13 रात तक लिखा मिला । अब 1 फरवरी के खण्ड़ में उत्तराफाल्गुन 1.37 रात लिखा मिला । इसका मतलब यह हुआ हस्त नक्षत्र 1 फररवरी के रात 1.38 से प्रारंभ होकर 2 फरवारी के रात 12.13 तक होगा । इस अवधी को बराबर चार भाग में बॉंट लेते हैं यही हस्त नक्षत्र के चार चरण होंगे । यह अवधी 23 घंटा 9 मीनट का होगा इसलिये प्रत्येक चरण 5 घंटा 17 मीनट (लगभग) होगा इस प्रकार 2 फरवरी 2021 को शाम 7.14 मीनट तीसरे चरण के अंतर्गत आयेगा । इस प्रकार उस जातक का नाम हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण पर जन्म हुआ । सारणी ‘नक्षत्र के अनुसार नाम का प्रथमाक्षर’ के अनुसार हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण पर नाम का प्रथमाक्षर ‘ण’ होगा उस जातक का राशि नाम ‘ण’ से शुरू करना होगा । ‘ण’ अक्षर से अपनी रूचि के अनुसार नाम रख सकते हैं ।
-रमेश चौहान