Judawa Beti जुड़वा बेटी

100.00

जुड़वा बेटी
(छत्‍तीसगढ़ी कहानी संग्रह, व्‍यंग्‍य अउ लेख)

प्रकाशक
वैभव प्रकाश न
मूल्‍य – 100 रूपये

ड़वा बेटी शीर्षक से प्रस्‍तुत इस लघुकथा संग्रह में चोवाराम बादल ने अपने समय के समाज, उसकी विसंगतियॉं, सुख-दुख, परम्‍परा रीति-रिवाज और छत्‍तीसगढ़ के जजनजीवन को प्रतिबिंबित किया है । आज मॉंब-लिचिंग जैसी घटनाऍं घट रही है, उसका एक दृश्‍य लघुकथा इंसानियत की लाश में चित्रित की गई है । मानवीय  संवेदना के गिरते स्‍तर और उसके भीड़ में तब्‍दील होने के दुख को बादल बखूबी चित्रित करते हैं ।

Description

छत्‍तीसगढ़ी कहानी संग्रह- जुड़वा बेटी

जुड़वा बेटी
(छत्‍तीसगढ़ी कहानी संग्रह, व्‍यंग्‍य अउ लेख)

प्रकाशक
वैभव प्रकाश न
मूल्‍य – 100 रूपये

 

जुड़वा बेटी शीर्षक से प्रस्‍तुत इस लघुकथा संग्रह में चोवाराम बादल ने अपने समय के समाज, उसकी विसंगतियॉं, सुख-दुख, परम्‍परा रीति-रिवाज और छत्‍तीसगढ़ के जनजीवन को प्रतिबिंबित किया है । आज मॉंब-लिचिंग जैसी घटनाऍं घट रही है, उसका एक दृश्‍य लघुकथा इंसानियत की लाश में चित्रित की गई है । मानवीय  संवेदना के गिरते स्‍तर और उसके भीड़ में तब्‍दील होने के दुख को बादल बखूबी चित्रित करते हैं ।

‘जुड़वाँ बेटी’, श्री चोवाराम वर्मा ‘बादल’ के एक किताब आय जेमा 12 कहिनी, 2 बियंग अउ 4 ठन आलेख हे । ये किताब म कहिनी के प्रमुखता हे येखर सेती येला ‘कहानी संग्रह’ कहिना जादा अच्छा होही । चोवा राम वर्मा बादल के येखर ले पहिली छपे किताब ‘रउनिया जड़काला के’, एक काव्य संग्रह आय जेमा तुकांत कविता के संग्रह हे, दूसर किताब ‘छंद बिरवा’ घला एक काव्य संग्रह ही हे जेमा छंद मा छंदाय कविता हे, जेन हा वर्माजी के पहचान एक छंदकार के रूप मा कराये हे । ये प्रकार ले बादलजी के पहिचान एक कवि के रूप मा बने रहिस ये बीच मा ‘जुड़वाँ बेटी’ के आना ओखर दूसर रूप ला हमर बीच रखत हें, ये किताब मा कहानी, व्यंग्य अउ आलेख घला हे ये प्रकार ले लेखक के कलम के विविधता के दर्शन होत हे ।

श्री चोवाराम ‘बादल के छत्‍तीसगढ़ी कहानी- ‘जुड़वाँ बेटी’

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