Description
‘दोहा के रंग’
दोहा शिल्प विधान-
‘दोहा के रंग’ एक छत्तीसगढ़ी में श्री रमेेेेश चौहान छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध छंदकार द्वारा लिखी गई किताब है । यह किताब मूलत: दोहा छंद का सम्पूर्ण शिल्प विधान का किताब है । इस किताब में दोहा छंद के बारिक से बारिक जानकारी को संयोजित किया गया है । दोहा क्या है ? दोहा के मूलभूत नियम क्या हैं ? दोहा कैसे लिखा जा सकता है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर विस्तार से इस किताब मेें विस्तार से समझाया गया है ।
छंद का मूलभूत नियम-
दोहा के मूलभूत नियमों के अतिरिक्त छंद, छंद के प्रकार, मात्रा गणना करने के तरीके, तुकांत बनाने का नियम, कलसंयोजन को विस्तार समझाया गया है ।
पुस्तक की उपयोगिता –
कोई भी व्यक्ति इस किताब को पढ़कर दोहा लिखना अच्छे से समझ सकता है और थोड़ा सा अभ्यास करके स्वयं दोहा लिख सकता है । हालाकि किताब छत्तीसगढ़ी में है किन्तु नियम तो सभी भाषाओं में एक समान लागू होते हैं, इसलिये इस किताब की सहायता से किसी भी भाषा में दोहा लिखा जा सकता है ।
पुस्तक से परिचय-
यह किताब दो भागों में विभाजित है पहले भाग में दोहा का शिल्प विधान है और दूसरे भाग में रचनाकार का दोहा संग्रह । जहाँ पहला भाग दोहा िशिल्प विधान को समग्र रूप से प्रस्तुत करने में सफल है वहीं दूसरा भाग दोहा के उदाहरण और प्रयोग के लिये महत्वपूर्ण है । इसमें 349 दोहों का संग्रह के साथ-साथ दोहा के विभिन्न प्रयोग और अनुप्रयोग के तौर पर 43 दोहा गीत 11 दोहा-ददरिया, और दोहा-मुक्तक एवं सिंहावलोकनी दोहा दिये गये हैं ।
पुस्तक की सार्थकता-
निश्चित रूप यह यह किताब दोहा के लिये एक संपूर्ण किताब है । यदि आपकी रूचि दोहा को जानने समझने की है, तो इस किताब को अवश्य पढ़ना चाहिये ।