Shabd Gathariya bandh शब्‍द गठरियां बांध

(1 customer review)

120.00

हिन्दी कविता में छंद का अनुशासन जब से कमजोर हुआ है, हिन्दी की कविता जन मन से दूर होती गई है। छंद बंधन से मुक्त कवितायें एकांतिक पाठ के आग्रह के साथ ही विशिष्ठ पाठक वर्ग और बौद्धिक मनों में सीमित होती गई। बंधन मुक्त कविता नें अभिव्यक्ति के नव आलोक को जन्म तो दिया पर वह लोक के कंठों में तरंगित नहीं हो सकी। संभवत: आदि कवियों नें साहित्य को लोक कंठों में बसाने के लिए ही संस्कृत छंद शास्त्र में शब्दों का अनुशासन लिखा था। जिससे अनुशासित शब्दों से पिरोए गए वाक्यांश स्वमेव गीतात्मकता को जीवंत रखे।

Categories: , Tag:

Description

शब्‍द गठरियां बांध

Shabd Gathariya bandh शब्‍द गठरियां बांध हिन्दी कविता में छंद का अनुशासन जब से कमजोर हुआ है, हिन्दी की कविता जन मन से दूर होती गई है। छंद बंधन से मुक्त कवितायें एकांतिक पाठ के आग्रह के साथ ही विशिष्ठ पाठक वर्ग और बौद्धिक मनों में सीमित होती गई। बंधन मुक्त कविता नें अभिव्यक्ति के नव आलोक को जन्म तो दिया पर वह लोक के कंठों में तरंगित नहीं हो सकी। संभवत: आदि कवियों नें साहित्य को लोक कंठों में बसाने के लिए ही संस्कृत छंद शास्त्र में शब्दों का अनुशासन लिखा था। जिससे अनुशासित शब्दों से पिरोए गए वाक्यांश स्वमेव गीतात्मकता को जीवंत रखे।

शब्द गठरिया बाँध’’ काव्य शिल्प एवं भाव शिल्प दोनों का अटूट बंधन को प्रतिपादित किया है । इस कृति में छंद का समग्र दर्शन होता है मात्रिक छंद में दोहा, रोला चौपई, कुण्डलियां, आल्हा, सरसी, सार,उल्लाला, छन्न पकैया, कहमुकरिया, कामरूप गीतिका तो वार्णिक छंद में घनाक्षरी, सवैया आदि शतप्रतिशत छंद अनुशासन से अनुशासित हैं । छंद की कसौटी पर ‘शब्द गठरिया बाँध’’ शतप्रतिशत उत्तीर्ण है । अस्तु यह कृति नवछंदकारों का मार्गप्रशस्त करने में सक्षम है ।
विषय की विविधता को भावनात्मक रूप से यह एकाकार कर रही है । समान्यतः कृतिकार कृति का आरंभ ईश प्रार्थना से करते हैं, किन्तु इसमें कृति का आरंभ ‘कालजयी साहित्य’ से किया गया है, जहाँ साहित्य का अमरत्व सात दोहों में निबद्ध है । यह एक सच्चे साहित्यकार का साहित्य पूजा है । यहां दृष्‍टव्‍‍य है ।

पुस्‍तक समीक्षा-शब्‍द गठरियां बांध

टीप- पुस्‍तक केवल भारतीय डाक स्‍पीड़ पोस्‍ट से भेजी जावेगी ।

2 thoughts on “Shabd Gathariya bandh शब्‍द गठरियां बांध

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *