साहित्य संवर्धन का पुनीत प्रयास-
साहित्य संवर्धन का पुनीत प्रयास
साहित्य संवर्धन का पुनीत प्रयास-हिन्दी का सम्पूर्ण व्याकरण
–कन्हैया साहू ‘अमित’
वदान्या पब्लिकेशन बिलासपुर छत्तीसगढ द्वारा प्रकाशित ‘हिन्दी का सम्पूर्ण व्याकरण’ विशेषकर छत्तीसगढ के विशेष संदर्भ में एक दुर्लभ ग्रंथ है। लेखकद्वय डॉ. विनोद कुमार वर्मा व डॉ. विनय कुमार पाठक जी कर करकमलों से रचित एक ऐतिहासिक ग्रंथ है जिसे मुझे पढ़ने का सुअवसर मिला। ‘छत्तीसगढ का सम्पूर्ण व्याकरण’ प्रकाशन पश्चात अब ‘हिन्दी का सम्पूर्ण व्याकरण’ निश्चित ही समय की आवश्यकता की पूर्ति करने में सक्षम है। यह ग्रंथ कुल नौ खण्डों में 49 अध्यायों में विभक्त है। विश्व की भाषाओं, राजभाषा, शास्त्रीय भाषा व भारतीय भाषाओं को व्यवस्थित रूप से सविस्तार समझाया गया है। हिन्दी भाषा व्याकरण के विविध आयामों को बहुत ही सूक्ष्मता व सहजता से सोदाहरण समझाने का एक सफलतम प्रयास इस 438 पृष्ठीय संग्रहणीय ग्रंथ में किया गया है। आज के युवा पीढ़ी की हिन्दीगत व्याकरणीय समस्याओं व समाधानों का इस बहुमूल्य ग्रंथ में संग्रहण किया गया है। गागर में सागर की भाँति यह ग्रंथ हिन्दी पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूर्ण समर्थ है।
लेखकद्वय को हिन्दी भाषा व साहित्य के संवर्धन व संरक्षण के पुनीत प्रयास हेतु सहृदय नमन व आत्मीय आभार। भविष्य में भी इसी तरह के जनोपयोगी ग्रंथ की अपेक्षा आप दोनों से रहेगी। सचेतक पाठकों के हितार्थ बहुपयोगी ग्रंथ सृजन हेतु पुन: पगवंदन।
कन्हैया साहू ‘अमित’
शिक्षक व साहित्यकार
भाटापारा छत्तीसगढ
चलभाष~9200252055
आपका आत्मीय आभार भैयाजी।