बालगीत-स्कूल बलावत हे

school balawat he
school balawat he

टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे। सार बात समझावत हे।

टाँग पीठ मा बस्ता, नइ हे दुरिहा रस्ता।
खाँध जोर सँगवारी, चलव स्कूल सरकारी।
भरती तिहार चलत हवय, सबके नाव लिखावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।

कापी, किताब मिलही , नवा ड्रेस, तन खिलही।
तात भात सब खाहू, खेले कूदे पाहू।
नइ लागय पइसा-कौड़ी, सरकार ह समझावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।

मुस्कान लाइब्रेरी, कविता, कहिनी ढेरी।
जतके जादा पढ़हू, वतके आगू पढ़हू।
लीपे-पोते विद्यालय, मन ला गजब लुहावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे। सार बात समझावत हे।

रचना- कन्हैया साहू ‘अमित’
शिक्षक- भाटापारा छत्तीसगढ़

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