प्रकाश गुप्ता “हमसफ़र” की ग्यारह प्रतिनिधि कविताएं

प्रकाश गुप्ता "हमसफ़र" की ग्यारह प्रतिनिधि कविताएं जा! …. तेरे गीत इतने मारक हों कि विश्वरूपी…