कविताएं और संघर्ष खोखले दावे को, लेकर आदमीयत, इंसानियत, और ईमान लिए हुए फिरता हूं, जीवन…
Tag: चौराहे पर
आज के दौर की कविताएं-पिनाक वीरेन्द्र कुमार पटेल
आज के दौर की कविताएं कई दिनों के बाद सड़क पर सन्नाटा छाया है बाग बगीचों…
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