वर्षा ऋतु पर कविता हिन्दी साहित्य के आदि काल से आज आधुनिक काल तक अनवरत लिखि…
Tag: डॉ. अर्जुन दुबे
लघु व्यंग्य आलेख: आंखे खोलो -डॉ अर्जुन दूबे
केवल अपनी ही सोचोगे, परिवार की कोई चिंता नहीं? पहले मेरे कार्य तो देखो! केवल परिवार…
लघु व्यंग्य आलेख: चर्चा में-अर्जुन दूबे
समसमायिक विषय पर जो विषय चर्चा में है उस पर डॉ अर्जुन दूबे चुटिले अंदाज लघु…
लघु व्यंग्य : महंगाई पर लोरिक-भोरिक संवाद
देखो हमारे पास गाड़ी नहीं है इसलिए इन्हे भरवाने का सवाल ही नहीं है, कितुं जब…
व्यंग लघु आलेख: तलाश- अर्जुन दूबे
विवाह, विवाह करने और होने के दृष्टिकोण बदलते जा रहे हैं, विशेष रूप से से हिंदू…
मोक्ष को कैसे जानूं? -डॉ. अर्जुन दूबे
मानव अथवा अन्य जीव क्यों अस्तित्व में आया? आया है तो क्या कर रहा है? मानव…
समसमायिक कुछ लघु व्यंग आलेख-डॉ.अर्जुन दूबे
विडंबना है कि हम अपने वर्तमान को भूत का स्वरूप देना चाहते हैं जबकि हमें भी…
व्यंग मिश्रित लघु आलेख:कौन है लाल बुझक्कड़?
चुनाव में किस पार्टी की सरकार बनेगी, कौन मुख्यमंत्री बनेगा, थोड़ा और आगे, कौन बनेगा प्रधानमंत्री?…
व्यंग युक्त कुछ लघु आलेख-डॉ. अर्जुन दूबे
मध्यम वर्ग यह यक्ष प्रश्न पूछता रहता है, किंतु किससे?स्वयं से और व्याख्या भी करता है…
आज कल की चर्चा-डॉ. अर्जुन दूबे
घोषणाएं, छद्म घोषणाएं, बढ़ा चढ़ा कर घोषणाएं, जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा आदि के आधार पर…