‘पंखा तको अबड़ दिन होगे, पोंछावत नइहे।’ सोनिया चाऊँरधोवा गंजी म नल ले पानी झोंकत कहिस।…
Tag: धर्मेन्द्र निर्मल
धर्मेन्द्र निर्मल के देवीगीत
धर्मेन्द्र निर्मल के देवीगीत दाई तोर दरस बर आए हौं लाल टिकुली लाल चुरी लाल चुनरी…
‘पंखा तको अबड़ दिन होगे, पोंछावत नइहे।’ सोनिया चाऊँरधोवा गंजी म नल ले पानी झोंकत कहिस।…
धर्मेन्द्र निर्मल के देवीगीत दाई तोर दरस बर आए हौं लाल टिकुली लाल चुरी लाल चुनरी…