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हमने तो पैसों को यहाँ
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हमने तो पैसों को यहाँ
हिन्दी कविता, छंद, ग़ज़ल
हिन्दी साहित्य
सत्यधर बांधे ‘ईमान’ की 5 कवितायें
08/10/2020
Ramesh kumar Chauhan
का भी मिट गया, जग से तो अभिमान। चल नेकी के राह पे, भला बना इंसान।।…