किसी भी देश या प्रदेश के जनजातीय कविता को समझने के लिए उस देश की उस…
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डुमन लाल ध्रुव
श्री डुमन लाल ध्रुव, हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी साहित्य के एक सशक्त हस्ताक्षर है, जो साहित्य के गदृय एवं पदृय दोनों विधा में समान अधिकार रखते हैं । आप छत्तीसगढ़ी संस्कृति और छत्तीसगढ़ के साहित्याकार पर विशेष आलेख लिखते रहते हैं । आप गीतकार, वार्ताकार, आलेखकार एवं कहानीकार के रूप अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हैं । आप मुजगहन, धमतरी छत्तीसगढ़ में रहकर साहित्य सेवा कर रहे हैं ।
जनजातीय कथा की लोक दृष्टि -डुमन लाल ध्रुव
जनजातीय कथा साहित्य की दृष्टि से देखें तो आदिवासियों का व्यावहारिक जीवन सदैव विद्यमान है। यहां…
पुस्तक समीक्षा: काव्य संग्रह ”कुछ समय की कुछ घटनाएं इस समय”
साहित्य सृजन की अभिलाषा उन्हीं व्यक्तियों में होती है, जो व्यक्ति और समाज को उत्कृष्ट देखना…
व्यक्तित्व एंव कृतित्व के आइने में श्री रामेश्वर वैष्णव-डुमन लाल ध्रुव
हिन्दी-छत्तीसगढ़ी साहित्य के प्रखर कवि, गीतकार एवं प्रयोगधर्मी व्यंग्य लेखक श्री रामेश्वर वैष्णव जी के जीवन…
पुस्तक समीक्षा: काव्य संग्रह-शब्द गाते हैं
प्रेरक गीतों का संग्रह ’’शब्द गाते हैं ’’ श्रीमती कामिनी कौशिक की प्रकाशित कृति है। जिसमें…
पुस्तक समीक्षा: हाना: जिनगी के गाना -डुमन लाल ध्रुव
डॉ. रमाकांत सोनी जी की सद्य प्रकाशित संग्रह ''हाना: जिनगी के गाना'' में ग्यारह सौ से…
छत्तीसगढ़ के गहने -डुमन लाल ध्रुव
छत्तीसगढ़ के गहने -डुमन लाल ध्रुव जीवन श्रृंगार प्रिय है। विभिन्न पर्व और विवाह आदि शुभ…
भगवती लाल सेन-साहित्यकारों की दृष्टि में सर्वहारा वर्ग के कवि-डुमन लाल ध्रुव
भगवती लाल सेन-साहित्यकारों की दृष्टि में सर्वहारा वर्ग के कवि छत्तीसगढ़ी के गंभीर कवि स्वर्गीय भगवती…
डाॅ. गोरेलाल चंदेल-लोक साहित्य की विकास यात्रा का एक अध्याय-डुमन लाल ध्रुव
डाॅ. गोरेलाल चंदेल-लोक साहित्य की विकास यात्रा का एक अध्याय-डुमन लाल ध्रुव देश के नामचीन लेखक…
पुस्तक समीक्षा : प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग लोकमानस के निकट कृति-इक्कीसवीं सदी में भी
पुस्तक समीक्षा : प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग लोकमानस के निकट कृति-इक्कीसवीं सदी में भी कविता…