श्रीमती तुलसी तिवारी की कहानी- वसूली - वह रोज स्कूल के अन्दर आकर ऑफिस में बैठ…
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धर्मेन्द्र निर्मल की कहानी- धोखा
चैत का महीना । तेज धूप। दिन किसी छॉव की तलाश में हॉफता फड़फड़ाता इधर उधर…
डुमन लाल ध्रुव की छत्तीसगढ़ी कहानी- ‘मंझली दाई’
मंझली दाई आ गे...’मंझली दाई आगे... जम्मो गांव म शोर-शराबा होगे अउ रोहो-पोहो लोगन मन सकलागे…
श्रीमती तुलसी तिवारी की कहानी-”राख के नीचे”
ह धीरे- धीरे उसका तलवा सहला रहा था। ’’अपने पाँव नीचे मत रखना मिती, मैले हो…