वीरेन्द्र कुमार पटेल की 3 कवितायें virendra-kumar-patel-ki-3-kavitayen

सदा ही करता रहूं प्राण निछावर, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी, यही दिन रात में यह जपूं…