प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के पावन अवसर पर…
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रमेशकुमार सिंह चौहान
रमेशकुमार सिंह चौहान, जिसे रमेश चौहान के नाम से जाना जाता है । छत्तीसगढ़ के स्थापित साहित्यकार हैं । ऐसे तो आप हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी दोनों भाषाओं में लिखते हैं किन्तु आप का परिचय एक छत्तीसगढ़ी छंदकार के रूप में होता है । छत्तीसगढ़ी में छंद की पुनर्स्थापना में महती योगदान हैं । आपने फेसबुक पेज ‘छत्तीसगढ़ी साहित्य मंच’ के माध्यम से ‘पागा कलगी’ नाम कविताओं का आयोजन करके नव साहित्यकारों शिल्प विधान में कविता लिखने को प्रेरित किये । जिसको आज सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है बहुुतायत लोग छंद, मुक्तक को विधान में लिख रहे हैं । आप इस ‘सुरता’ वेबसाइट के संपादक हैं ।
अखाड़ा परिषद: हिंदू धर्म का प्रहरी
प्रस्तावना हिंदू धर्म की समृद्ध विरासत और अखाड़ा परिषद की भूमिका हिंदू धर्म, विश्व की प्राचीनतम…
अक्षय वट: अमरता, अध्यात्म और पौराणिक रहस्यों का प्रतीक
प्रस्तावनाक्या आप महाकुंभ प्रयागराज जाने की सोच रहे हैं, यदि हां तो आपको यह जानना आवश्यक…
महाकुंभ: भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
Embed Imgur Image महाकुम्भ भूमिका महाकुंभ भारत के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक आयोजनों में से…
कहानी: मृत्यु की प्रतिक्षा सूची
कहानी: मृत्यु की प्रतिक्षा सूची -रमेश चौहान छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर का मेकाहारा हॉस्पिटल निर्धन और…
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे कई भाग…
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-5. व्यास जी के असंतोष दूर होना
(तोमर छंद) आसन सुग्हर बिछाय । नारदजी ल बइठाय वेद व्यास धरत ध्यान । पूजय सब…
समसमायिक कविता: मुखौटा
उनके चेहरे पर महीन मुख श्रृंगारक लेप सा, भावों और विचार का है अदृश्य मुखौटा
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-4. व्यासजी ल असंतोष होना
अध्याय-4. व्यासजी ला असंतोष होना (भव छंद) द्वापर के बात हे । सूतजी बतात हे सत्यवती…