स्तुति /साेरठा/ व्रज रज चंदन भाल, यमुन कीच उबटन मलूँ । जहॉं यशोदा लाल, महारास जो…
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रासपंचाध्यायी एक खण्ड़ काव्य है जिसमें श्रीमद्भागवत के महारास रासलीला का हिन्दी में छंदानुवाद कर काव्यात्मक चित्रण किया गया है ।
रासपंचाध्यायी रासलीला अध्याय-4. विहल गोपियों के मध्य श्रीकृष्ण का प्रकट होना
श्री शुकदेवजी बोले, परीक्षित सुनो कथा । व्रज गोपियों की ये, विरह पीर की व्यथा ।।1।…
रासपंचाध्यायी रासलीला अध्याय-3. गोपिका गीत
कनकमंजरी छंद में रचित इस गोपिकागीत का शिल्प की दृष्टि से दो विशेषता है एक प्रत्येक…
रासपंचाध्यायी रासलीला अध्याय-2 -रमेश चौहान
श्याम दृश्य हिन हुये अचानक । व्यथा दशा तब हुई भयानक ज्यों हथनी गजराज विहीना ।…
रासपंचाध्यायी रासलीला अध्याय-1 -रमेश चौहान
रास पंचाध्यायी अध्याय-1 रासलीला का आरम्भ-रमेश चौहान प्रथम पूज्य गणराज प्रभु, करुॅं वंदन कर जोर ।…