परिचय (Introduction)
‘सुरता’ एक छत्तीसगढ़ी शब्द है, जिसका अर्थ है – “याद करना”।
‘सुरता’ का अर्थ यादकरना , समृति बनाये रखना होता है । अपने नाम के अनुरूपइस पोर्टल का उद्देश्य है हिंदी और छत्तीसगढ़ी साहित्य के साहित्यकारों और उनकी रचनाओं को संरक्षित करना और पाठकों तक पहुँचाना है।
इस पोर्टल में छत्तीसगढ़ राज्य सहित देश के उन समस्त रजनाधर्मियों की रचनायें शामिल है, जिन्होंने अपनी रचनाएं यहां प्रकाशित करने हेतु प्रेषित की है या लिखित या मौखिक अनुमती दी है ।
इस पोर्टल में साहित्य के सभी गद्य एवं पद्य की सभी विधाओं, शिल्पों को स्थान देने का प्रयास है ।
इस पोर्टल को सफल बनाने में हमारे कलमकारों काअकथनीय सहयोग है ।
मैं इस पोर्टल के समस्त रचनाकारों एवं पाठकों का हृदय से आभारी हूँ ।
रमेश चौहान
संपादक
सुरता:साहित्य की धरोहर
उद्देश्य (Our Mission)
✔️ हिंदी और छत्तीसगढ़ी साहित्य को डिजिटल मंच देना ।
✔️ नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ना ।
✔️ पाठकों को विविध विधाओं से परिचित कराना ।
✔️ लेखकों को अपनी रचनाएँ प्रकाशित करने का अवसर देना ।
✔️ समसमायिक विषयों पर आलेख प्रकाशित करना ।
✔️पुस्तक परिचय प्रकाशित करना ।
✔️ पुस्तक समीक्षा प्रकाशित करना ।
✔️ लोक विधा को संरक्षित रखने का प्रयास करना ।
सामग्री (What You’ll Find Here)
गद्य
कहानी
एकांकी
नाटक
आलेख
पद्य
छंद
तुकांत
अतुकांत
गीत
नवगीत
अन्य विधाएं
मुक्तक
तुकांत
ग़ज़ल
हाइकु
लोकविधा/लोकगीत
गद्य
पद्य
अन्य विधाएं
सहभागिता (Contribute Your Work)
“हम पाठकों और लेखकों का स्वागत करते हैं।
यदि आप अपनी मौलिक रचनाएँ (कविता, कहानी, लेख आदि) प्रकाशित कराना चाहते हैं,
तो हमसे संपर्क करें।”
अपनी रचना भेजें”


