
हम छत्तीसगढिया हावन
हम सबले बढिया हावन
हम बासी चटनी खाथन
अउ जांगर तोड कमाथन
छल कपट ल हम नई जानन
सब ल अपनेच हम मानन
सागर म जस नदिया समाए
सब झन ह मन म हमाए
नहीं बैरभाव हम जानन
मेहनत के कमाई खाथन …
बड़ पावन इंहा के भुंइया
महानदी हमर गंगा मइया
चारो मुड़ा देवी दाई बिराजे
धरती सिंगार हे साजे
जस देवी के हम गाथन
मांदर ढोलक हम बजाथन…
बारो महिना इंहा तिहार
हे खुसी बिकट भरमार
तीजा पोरा हमन मनाथन
गनपति दुरगा मढाथन
हम सुवा ददरिया गाथन
करमा धुन म हम नाचन…
इंहा सोना हीरा के खदान
बैलाडिला लोहा के परान
चिरमिरी ले कोयला पाथन
जेमा बिजली के हो उतपादन
छत्तीसगढ हमर महतारी
जेखर महिमा हवै भारी
हम ओकरेच गुन ल गावन
चरन म माथ नवाथन…..
हम दुख पीरा सह जाथन
कोनो ल नहीं बतावन
हम बजर छाती के मनखे
हम आंसू भी पी जाथन
दुख सहिके हम सुख बांटन
भुखा लांघन रहि जाथन
अउ सबके पेट ल पालन
हम कोनो ल नई घालन…
सुरेन्द्र अग्निहोत्री”आगी”
महासमुंद




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