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बाल साहित्य (कविता संग्रह):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

बाल साहित्य (कविता संग्रह):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह

23.हवा बह रही धीरे धीरे

हवा बह रही धीरे धीरे ,
प्यारी प्यारी घास के ऊपर।
छोटी पत्ती लहराती ,
हवा बह रही धीरे धीरे।
अमृत सरोवर की लहरें ,
मुस्काती हैं , लहरातीं ,
हवा बह रही धीरे धीरे ,
पौधे खुश हो मुस्काते।
हवा बह रही धीरे धीरे ,
प्यारी प्यारी घास के ऊपर।

24.नये सत्र का पहला दिन

नये सत्र का पहला दिन ,
भरे जोश में प्यारे बच्चे,
जाते हैं अपने स्कूल ।

छोटी छुट्टी बीती है ,
नये क्लास में आये हैं।
नयी किताबें , कवर नये ,
नयी ड्रेस में जोश भरे।
नये सत्र का पहला दिन ,
नये जोश में प्यारे बच्चे ,
जाते हैं अपने स्कूल ।

25.चिड़िया भी आज उठी जल्दी

चिड़िया भी आज उठी जल्दी ,
सुबह सवेरे गाना गाती।
वैसे धुप निकलने पर आती ,
आज बड़े तड़के ही आयी।
कहती बच्चो उठो उठो ,
जाना है तुमको स्कूल,
मै भी आज उठी जल्दी ,
सुबह सवेरे गाना गाती।
तुमको जाना है स्कूल ,
तुमको जाना है स्कूल।

26.जल्दी से आ जाना वापस

जल्दी से आ जाना वापस ,
मिलकर हम सब खेलेंगे ।
आज सत्र का पहला दिन है ,
बहुत सी बातें , बैठ करेंगे।
नया क्लास है , नयी किताबें ,
दोस्त बहुत से , बातें प्यारी।
मिलकर हम फिर बैठेंगे ,
जल्दी से आ जाना वापस।
जल्दी से आ जाना वापस ,
मिलकर हम सब खेलेंगे ।
आज सत्र का पहला दिन है ,
बहुत सी बातें , बैठ करेंगे।

27.तोता बोला सुबह- सुबह

तोता बोला सुबह -सुबह ,
बच्चो जागो , सुबह सुबह ,
आज जरा जल्दी ही उठना ,
आज तुम्हे विद्यालय जाना।
बीती छुट्टी लम्बी सी ,
नया सत्र प्रारम्भ हुआ ,
नयी किताबें प्यारी , प्यारी
रोज़ मिलें अभ्यास नये।
जागो बच्चो सुबह सुबह ,
रोज़ तुम्हे विद्यालय जाना।

28.वृक्ष पुराना

वृक्ष पुराना , पाकड़ वाला
नये नये परिधानों में ।
ऋतु बसंत की आयी है ,
खुश हैं पक्षी गानों में।
बोला बच्चा रोज़ मिलेंगे ,
रोज़ सवेरे हम तुमसे।
जल्दी उठना , जल्दी आना ,
फिर अपने विद्यालय जाना।
जब तुम थक के आओगे ,
हम तुमको छाया देंगे।
नये गीत सुनवायेंगे ,
पक्षी कितने आयेंगे।

29.हवा तरल है सुबह

हवा तरल है सुबह- सुबह ,
हल्की – हल्की ठंडी सी।
फूलों की खुशबू लेकर ,
जैसे लोगों से कहती ,
नींद भी आती तेज़ सुबह ,
लेकिन जल्दी उठाना है।
आज सत्र का पहला दिन है ,
हमको विद्यालय जाना है।
हवा तरल है सुबह- सुबह ,
हल्की – हल्की ठंडी सी।

30.सजा -धजा अपना विद्यालय

सजा -धजा अपना विद्यालय ,
फूल बहुत से लगे गेट पर।
पुलकित और प्रसन्न मित्र भी ,
सजा -धजा अपना विद्यालय।

नये बैग हैं , नयी किताबें ,
कितनी प्यारी प्यारी बातें।
बच्चे मिलते ख़ुशी ख़ुशी ,
सब प्रसन्न हैं , जोश नया ।

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