मई दिवस पर दोहे-कन्हैया साहू “अमित”

मई दिवस पर दोहे-

मई दिवस बेकार

-कन्हैया साहू “अमित”

मई दिवस पर दोहे-कन्हैया साहू "अमित"
मई दिवस पर दोहे-कन्हैया साहू “अमित”

1~
श्रमिक जयति जय हे सदा,अभिनंदन आभार।
नहीं सृजन श्रम बिन यहाँ, श्रम ही जग आधार।।

2~
सृजनशील सीकर सजे, श्रमिक स्वेद के साथ।
खूब खजाने खोजता, फिर भी खाली हाथ।

3~
पौध रोपता हाथ ही, खेत खार खलिहान।
ताजमहल बनते जहाँ, देता श्रम बलिदान।।

4~
चाहत मन की मारता, जीता मस्त मलंग।
खून पसीने से खिले, दुनिया के सबरंग।।

5~
त्याग स्वयं सुख भावना, सपने सभी समेट।
चिथड़ा चीवर ओढ़ के, ढँकता सूखा पेट।।

6~
मजदूरी से है ‘अमित’, चाँवल चोकर चून।
सत्तू गुड़ के साथ में, बस रोटी दो जून।।

7~
कामगार के नाम का, खाय मुनाफा सेठ।
हाथ कटा दर-दर फिरे, श्रम को कैसा भेंट।।

8~
मिल मंजिल अट्टालिका, पर बेघर मजदूर।
सृजनहार खुद ही श्रमिक, फिर भी क्यों मजबूर।।

9~
भाग्य विधाता जगत का, श्रम ही पालनहार।
श्रमसाधक भूखा मरे, मई दिवस बेकार।।

-कन्हैया साहू “अमित”
शिक्षक~भाटापारा (छ.ग)
संपर्क~9200252055

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